आगरा: जनपद के बाह, पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पिनाहट घाट पर चंबल नदी खतरे के निशान को पारकर 132 मीटर ऊपर बह रही है. तटवर्ती इलाकों के दर्जनों गांवों पानी घुसने से ग्रामीण सुरक्षित स्थानों को पलायन कर रहे हैं. एक दर्जन गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, जिसे लेकर प्रशासन द्वारा स्ट्रीमर संचालन कराया गया है.
चंबल नदी ने लांघा खतरे का निशान, बाढ़ की चपेट में आए दर्जनों गांव
उत्तर प्रदेश सहित आस पास के कई राज्यों में हो रही लागातार बारिश से नदियों में बाढ़ की स्तिथि बनी हुई है. चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कि आगरा के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
चंबल नदी साल 1996 और 2019 की बाढ का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है, जिसे लेकर मंगलवार को डीएम आगरा प्रभु एन सिंह ने राजस्व कर्मचारियों के साथ चंबल के जलस्तर का निरीक्षण किया था. प्रशासनिक कर्मचारियों को चौकियां गठित कर हर संभव मदद पहुंचाने के लिए जरूरी निर्देश दिए थे, जिससे कि कोई अप्रिय घटना न घट सके. लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर मंगलवार देर शाम तक नदी का जलस्तर पिनाहट घाट पर एक 130 मीटर तक पहुंच गया था, जो कि बुधवार सुबह पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 132 मीटर को पार करके 133 मीटर पहुंच गया है. प्रशासन द्वारा तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. एक दर्जन गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है, कुछ गांव में प्रशासन द्वारा राहत पहुंचाने के लिए स्ट्रीमर संचालन किया जा गया है. दर्जनभर गांव में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीणों के घर डूब गए हैं. ग्रामीणों ने वाहनों में सामान राशन अनाज कपड़े पशुओं का चारे का इंतजाम कर ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंच गए हैं.
मध्यप्रदेश और राजस्थान में भारी बारिश के चलते एक बार फिर चंबल नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों में दहशत है. सामान भरकर ग्रामीण सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर चुके हैं. कुछ गांव के संपर्क मार्ग टूटने के बाद प्रशासन द्वारा स्ट्रीमर संचालन कर ग्रामीणों का आवागमन कराया जा रहा है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद राजस्व कर्मचारी एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी तरह से मुस्तैद है. वहीं चंबल खतरे के निशान को पार कर बह रही है. नदी में पानी और बढ़ने की आशंका जताई गई है, जिसे लेकर कयास लगाए गए हैं कि साल 1996 में चंबल में आई भयंकर के बाद सन 2019 में भयंकर बाढ़ से तटवर्ती इलाकों के गांव प्रभावित हुए थे, लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था. वहीं इस बार भी चंबल नदी बीते वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है, जिसे लेकर प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है. बाढ़ चौकियों पर राजस्व कर्मचारियों को तैनात किया गया है,जिससे कि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.