आगरा:ताजनगरी के जगदीशपुरा थाना के मालखाना से 25 लाख रुपए की चोरी में सफाई कर्मचारी अरुण की हिरासत में मौत पर यूपी में राजनीति थम नहीं रही है. शुक्रवार शाम आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने मृतक अरुण के भाई और परिवार से मुलाकात की.
जानकारी देते आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से कराए. यदि ऐसा नहीं होता है तो मैं आगरा के डीएम और एसएसपी को कार्यालय में बैठने नहीं दूंगा. उनके कार्यालय में ताला डाल दूंगा. आगरा दलितों की राजधानी है. यहां पर दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरोध और कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन करूंगा. देर शाम चंदशेखर ने कलेक्ट्रेट में एसएसपी मुनिराज जी से मुलाकात की. इसके बाद चंद्रशेखर ने कहा कि 5 दिन में दोषी नहीं पकड़े गए तो हम आगरा में पड़ाव डाल देंगे.
चंद्रशेखर ने कहा कि अरुण का दोष यह था कि वह ईमानदार था. मेहनत करके खाता था, इसलिए उसे यह सजा भुगतनी पडी. सरकार को यह नहीं पता था कि उसके लिए भी लडने वाले लोग हैं. क्या दलित की जान की कीमत महज दस लाख रुपए है. चंद्रशेखर ने कहा कि तिवारी जी की हत्या हुई तो 40 लाख रुपए और नौकरी दे दी गई. जब मनीष गुप्ता की हत्या हुई तो यह भी दुखद है. उन्हें भी 40 लाख रुपए और नौकरी दे दी गई. यूपी में रक्षक भक्षक हो गए हैं. पुलिस नहीं, ये गुंडे हैं. मेरे व्यक्ति की हत्या की जाती है, तो दस लाख रुपए और नौकरी कब मिलेगी. कहां मिलेगी. यह पता नहीं. यह दलितों की हैसियत है. संविधान के अनुरूप हमें भी बराबर का अधिकार है.
आगरा में सफाईकर्मी अरुण के परिवार से मिलने पहुंचे आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्रशेखर ने कहा कि पुलिस इस मामले में झूठ बोल रही है. जब इसकी सीबीआई जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. गरीब को घर से ले जाया गया. 30 दिन की बेटी और परिवार को पीटा गया. बहनों को निर्वस्त्र करके पीटा गया है. जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया उनको बचाने के लिया यह किया गया है. जो दस लाख रुपए दिए हैं. वो एससी एसटी का मुआवजा है. सरकार मजाक कर रही है. हम सरकार को सचेत कर रहे हैं कि, हमारी जान इतनी सस्ती नहीं है. जिन पुलिसकर्मियों ने यह किया है, उसकी जानकारी सभी को है.
चंद्रशेखर ने कहा कि जिस सरकार में दलितों की हत्या हो रही है. उस सरकार के मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बैठने का अधिकार किसने दिया. जो जनता की सुरक्षा नहीं कर सकता है. वो कुर्सी पर क्यों बैठा है. जिस सरकार में सरकार का मंत्री किसानों पर गाड़ी चढ़ा देता है. वहां पर पुलिसकर्मी द्वारा दलित की हत्या करना कौन सी बड़ी बात है. यह सरकार चाहती है कि न्याय को बाधित कर दिया जाए. जैसे हमारे भाई की हत्या की. वैसे ही हमारा भी कत्ल करें. हमें भी गोली मार दें.
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बता दें किए 16 अक्टूबर 2021 की रात जगदीशपुरा थाना परिसर में पिछला दरवाजा और खिड़की तोड़कर मालखाने में सेंध लगाई गई थी. मालखाने से 25 लाख रुपए चोरी हुए हैं. इसकी जानकारी 17 अक्टूबर की सुबह हुई थी. इसके बाद पुलिस महकमे में खलबली मची गयी और पुलिस की कई टीमें इसकी छानबीन में जुटी थीं. मंगलवार को पुलिस ने आरोपी सफाईकर्मी अरुण को दबोच लिया. मंगलवार देर रात पुलिस ने अरुण की निशानदेही पर उसके घर से 15 लाख रुपए बरामद किए. उसके बाद अरुण की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.