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ASI संरक्षित रामबाग पार्क की दीवार नाले के पानी के कारण गिरी, अधिकारी बेपरवाह - पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉक्टर बसंत कुमार स्वर्णकार

आगरा में यमुना पार स्थित मुगल काल की नींव रखने वाले बाबर ने रामबाग पार्क बनवाया था. इसकी दीवार नाले के पानी के कारण गिर गई. बरसात के दिनों में ओवरफ्लो होने की वजह से नाले की गंदगी पार्क में घुस गयी.

rambag park wall collapsed in agra
rambag park wall collapsed in agra

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Published : Jul 30, 2021, 11:39 AM IST

Updated : Jul 30, 2021, 12:31 PM IST

आगरा: यहां के ऐतिहासिक रामबाग पार्क में कचरा होने के कारण पर्यटकों ने यहां से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है. बदबू के कारण पर्यटकों का यहां असुविधा होती है. रामबाग पार्क की दीवार भी नाले के पानी के कारण गिर गई. इसके लिए पुरातत्व विभाग के अधिकारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दोषी मान रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया नाले का निर्माण नहीं करेगी, तब तक दीवार का निर्माण नहीं हो पाएगा. इसी वजह से दीवार का निर्माण कार्य रुका हुआ है.

ऐतिहासिक रामबाग पार्क में पर्यटकों को असुविधा

रामबाग पार्क में आने वाले पर्यटकों को 25 रुपये शुल्क देना पड़ता है. पार्क में गंदगी की वजह से पर्यटक यहां ज्यादा समय तक रुकना नहीं चाहते. क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र वर्मा ने बताया कि यह दीवार उन्होंने 1 महीने पहले ही गिरी हुई देखी थी. उन्होंने शिकायत भी की लेकिन उन्हें बताया गया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस नाले का निर्माण कराया गया था. ये नाला अभी सीधे यमुना में जा रहा है और उसका आधा पानी पार्क में आ जाता है.

आगरा में स्थित रामबाग पार्क

उन्होंने कहा कि इस पानी को नाराइच स्थित पंपिंग स्टेशन में जाना चाहिए लेकिन जालियां अवरुद्ध होने की वजह से नाले का पानी पंपिंग स्टेशन में ना जाकर सीधे यमुना में गिर रहा है. जब यमुना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इसका सारा जिम्मा प्राइवेट कंपनी वबाक को दिया गया है. कंपनी इस मसले का हल करेगी. ASI अधिकारी ने बताया पहले कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया नाले का निर्माण कराएगी और पानी को रोकेगी. उसके बाद ही जाकर दीवार का निर्माण का कार्य शुरू होगा.

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रामबाग के नाम से विख्यात यह बाग मूल रूप से भारत में मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने बनवाया था. उन्होंने 1526 में ईरानी व चारबाग (चतुरोधान) योजना पर इसका विन्यास किया था. ऐसे बाग उन्होंने समरकंद में देखे थे. ऐसे ही कई बाग बाग-ए-वफ़ा, बाग-ए-कला, बाग-ए-वनक्शा, बाग-ए-बादशाही और बाग-ए-चिनार बाबर ने काबुल में बनवाए थे. अंग्रेजों की सियासत के समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसकी मरम्मत कराकर छुट्टी मनाने के लिए इसे आरामगाह में बदल दिया. पहले इसका नाम आरामबाग हुआ करता था लेकिन बाद में इसका नाम रामबाग रखा गया.

रामबाग पाक की दीवार से सटा नाला
पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉक्टर वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि उन्होंने बहुत पहले ही नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लिखित शिकायती पत्र भेजा था. जिसमें नाले का निर्माण कराकर पानी को रोकने के लिए लिखा था. इसके बाद ही रामबाग पार्क की दीवार की मरम्मत का काम शुरू हो सकेगा. यह पत्र मई के महीने में लिखा गया था लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
Last Updated : Jul 30, 2021, 12:31 PM IST

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