आगराः वैश्य समाज की तरफ से ताजनगरी में विधानसभा चुनाव में 106 सीटों पर दावेदारी के लिए शंखनाद किया. 5 दिसंबर को मैनपुरी से अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमंत गुप्ता के नेतृत्व में प्रारंभ हुई 40 दिवसीय वैश्य राजनीतिक अधिकार रथयात्रा रविवार को हरीपर्वत स्तिथ एमडी जैन इंटर कॉलेज के प्रांगड़ में पहुंची. जिसका वैश्य समाज के तमाम लोगों ने भव्य स्वागत किया. इसके बाद विशाल वैश्य जनसभा का आयोजन हुआ. इस आयोजन में शहर के सभी राजनीतिक पार्टियों के वैश्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था.
जनसभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमन्त गुप्ता ने कहा कि अगर कोई भी पार्टी हमें टिकट नहीं देती है, तो वह खुद ही यूपी विधानसभा चुनाव में 106 विधानसभा पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे. उन्होंने कहा कि कि उत्तर प्रदेश की सरकार बनाने में वैश्य समाज का बड़ा सहयोग रहता है. लेकिन हमेशा से हम हर राजनीतिक पार्टी की उपेक्षा का शिकार हुए हैं. इस बार वैश्य समाज को बीजेपी से उम्मीद थी लेकिन बीजेपी की सरकार में भी वैश्य समाज को उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है .
अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमंत गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वैश्य समाज की करीब 20 प्रतिशत संख्या है. इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश में बनने वाली किसी भी सरकार में वैश्य समाज की भागीदारी बहुत कम है. प्रदेश में बनने वाली सरकार बिना वैश्य समाज के वोट के सरकार नहीं बना सकती. लेकिन फिर भी हमारा हर सरकार में उत्पीड़न होता है. हर सरकार में हमारे ऊपर अत्याचार किया जाता है. उन्होंने कहा कि 2017 में बीजेपी की सरकार उत्तर प्रदेश में आई. बीजेपी हमेशा अपने आपको वैश्य समाज की हितैषी पार्टी बताती है, लेकिन भाजपा सरकार में भी व्यापारियों को उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है. व्यापारियों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है. अवैध छापामारी की जा रही है. जबकि व्यापारी पहले से कोरोना की मार से व्यापार पर आई मंदी झेल रहा है. सुमंत गुप्ता ने कहा कि जबकि भाजपा सरकार में नेता और अधिकारी मलाई मार रहे हैं. उनके ऊपर किसी तरह की छापामार कार्रवाई नहीं की जा रही है. .