वाराणसी:लोक भारती एवं कृषि विभाग के सेवापुरी विकास खंड में विकसित जीरो बजट गो आधारित प्राकृतिक खेती अभियान के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. ब्लॉक मुख्यालय सभागार में रविवार को बाराडीह न्याय पंचायत के किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख एवं कृषि समृद्धि आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने सम्बोधित किया. उन्होंने बताया कि जीरो बजट खेती कर किसान अपनी लागत को न्यूनतम करते हुए बगैर उत्पादन कम किए अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर किसान इस पद्धति से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
दी गई योजनाओं की जानकारी
संयुक्त कृषि निदेशक अखिलेश चंद्र शर्मा और जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की. रायबरेली से आए प्रगतिशील किसान शेषपाल सिंह व सत्यप्रकाश मिश्रा ने बताया कि, देशी गाय के एक ग्राम गोबर मे 300 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं. .ये खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि कर पौधों को सभी प्रकार के पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं.
ऐसे होती है सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में वृद्धि
किसानों ने बताया कि, जीवामृत व घन जीवामृत बनाकर खेत में जुताई एवं सिंचाई के समय प्रयोग करने से इन सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाती है. देशी केंचुआ भूमि में विकसित होकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर उसे मुलायम बनाता है. इससे ऐसे किसानों के खेत में वर्षा जल संरक्षित होकर भूगर्भ जल में मिल जाता है.