झांसी: विश्व कविता दिवस के मौके पर झांसी में काव्य और वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. बीकेडी आवासीय कॉलोनी में आयोजित हुए इस आयोजन में बुन्देलखण्ड के कई प्रतिष्ठित कवियों और वक्ताओं ने कविता में मानवीय और सामाजिक सरोकार पर अपने विचार रखे.
झांसी: विश्व कविता दिवस पर काव्य गोष्ठी, कवियों ने मानवीय सरोकर पर रखे विचार - विश्व कविता दिवस
झांसी के बीकेडी आवासीय कॉलोनी में विश्व कविता दिवस पर वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में कविता वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि कवि को अपनी कविता के साथ मानवता और न्याय के पक्ष में साहसपूर्वक खड़े रहना चाहिए.
विश्व कविता दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है. कविता दिवस पर कविता वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि कवि को अपनी कविता के साथ मानवता और न्याय के पक्ष में साहसपूर्वक खड़े रहना चाहिए. इस दौरान कवियों ने समाज की समस्याओं पर केंद्रित रचनाओं का पाठ किया. कवियों ने आयोजन के माध्यम से इस बात को मजबूती के साथ रखा कि कविता मानवीय संवेदना की वाहक है और इसके अस्तित्व को कभी चुनौती नहीं दी जा सकती.
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कवि मदन मानव, डॉ. राम शंकर भारती, कुंती हरिराम, प्रेम कुमार गौतम और अन्य ने अपनी रचनाएं पढ़ीं. कार्यक्रम के समापन पर बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. आर बी मौर्य ने आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम के संयोजक प्रेम कुमार गौतम ने बताया कि विश्व कविता दिवस के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के मकसद से यह आयोजन किया गया है.