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गंगा को स्वच्छ रखने के लिए विश्व सेवा मिशन का जागरूकता अभियान

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में गंगा को स्वच्छ और निर्मल रखने के लिए जागरुकता अभियान चलाया गया. विश्व सेवा मिशन ने गंगा तटों की साफ-सफाई का अभियान चलाया. इस दौरान लोगों को गंगा नदी को साफ रखने के लिए जागरुक भी किया गया.

स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान

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Published : Nov 17, 2020, 7:01 PM IST

कौशांबी:जनपद में मां गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए विश्व सेवा मिशन के कार्यकर्ताओं ने गंगा तटों की साफ-सफाई का अभियान चलाया. साथ ही आम लोगों को भी गंगा नदी को स्वच्छ व निर्मल रखने के लिए कार्यकर्ताओं ने जागरूक किया. विश्व सेवा मिशन के अध्यक्ष के मुताबिक, गंगा नदी को साफ रखने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, जिससे लोग नदियों में साबुन और शैम्पू आदि प्रयोग न करें.

विश्व सेवा मिशन ने चलाया अभियान

विश्व सेवा मिशन द्वारा गंगा नदी की सफाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत गंगा नदी के किनारे बसे गांवों में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही नदी के किनारे सफाई आदि का काम किया जा रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को विश्व सेवा मिशन की टीम गंगा नदी के किनारे बसे शहजादपुर गांव पहुंचे. वहां टीम के लोगों ने ग्रामीणों को नदियों से होने वाले फायदे के बारे में बताया.

लोगों को गंदगी के दुष्परिणाम के बारे में बताया

विश्व सेवा मिशन के कार्यकर्ताओं ने कूड़ा-करकट इकट्ठा कर लोगों को इसके दुष्परिणाम के बारे में बताया. कहा कि अगर मां गंगा को निर्मल रखना है तो हम लोगों को मिलकर काम करना होगा. विश्व सेवा मिशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि लोग स्नान करने आते हैं और पॉलिथीन, गंदे कपड़े, शैम्पू, साबुन आदि चीज़ें छोड़ जाते हैं, जिससे हमारी नदियां दूषित हो रही हैं. ये नदियां हम लोगों की जान हैं. इसको बचाना हमारा कर्तव्य है.

लोगों को गंगा नदी को स्वच्छ रखने की दिलाई शपथ

विश्व सेवा मिशन के कार्यकर्ताओं द्वारा गंगा नदी की साफ-सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें साफ-सफाई बनाए रखने के लिए शपथ भी दिलाई. लोगों को शपथ दिलाई गई कि वह गंगा नदी में कूड़ा-करकट नहीं फेकेंगे और न ही साबुन-शैम्पू का इस्तेमाल गंगा नदी में करेंगे.

गंगा नदी के किनारे जलाए जाते हैं शव

गंगा नदी के किनारे आज भी लोग शव जलाते हैं, जिससे दाह-संस्कार में प्रयोग किए जाने वाले सामानों को वहीं छोड़ दिया जाता है. इससे भी नदी प्रदूषित हो रही है, लेकिन लोग धार्मिक भावनाओं के चलते इससे परहेज नहीं करते हैं.

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