लखनऊ : लोकसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ियों पर नकेल कसने को लेकर चुनाव आयोग एकदम सतर्क है. उम्मीदवारों से इस बार उनकी संपत्ति के साथ-साथ उनके आश्रितों की संपत्ति का भी पूरा ब्यौरा लिया जा रहा है. वहीं आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों की चुने जाने के बाद सदस्यता भी छीनी जा सकती है.
लखनऊ: आचार संहिता का किया उल्लंघन, तो चुने जाने के बाद भी छिन सकती है सदस्यता
चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने में जुटा है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी के अनुसार अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है.
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ईटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि आयोग के निर्देशानुसार हर चरण की पूरी तैयारी कर ली गई है. डीआईजी, कमिश्नर, डीएम और अन्य सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई है. आयोग के निर्देशानुसार जो भी तैयारियां थी उसको हम लोगों ने पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा मतदाताओं वाला प्रदेश है. यहां 80 लोकसभा क्षेत्र हैं, इस कारण सुरक्षा बल, चुनाव मशीनरी या सरकारी तंत्र का सही ढंग से प्रबंधन करने के लिए सात चरणों में चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है.
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कोई उम्मीदवार पाया जाता है तो उसके चुने जाने के बाद भी उसकी सदस्यता छिन सकती है.अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क है. पूर्व की अपेक्षा इस बार न्यायालय के निर्देश पर पांच वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. साथ ही प्रत्याशियों को अपने आश्रितों की संपत्ति के बारे में ब्यौरा पेश करना होगा. इसके अलावा अगर विदेश में भी संपत्ति है तो उसका भी विवरण देना होगा.