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सहारनपुर: पुल बनवाने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्राणीण, कई लोगों की बिगड़ी तबीयत

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Published : Jun 24, 2019, 2:15 PM IST

बरसाती नदी पर पुल बनवाने को लेकर ग्रामीण 15 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. वहीं ग्राणीणों ने अब भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पुल का निर्माण नहीं हो जाएगा तब तक धरने से नहीं हटेंगे.

पुल बनवाने की मांग को लेकर भूख हडताल पर बैठे आधा दर्जन ग्रामीण की हालत बिगडी

सहारनपुर: जिले के शाहपुर और हुसैन मलकपुर गांव के ग्रामीण बरसाती नदी पर पुल बनवाने को लेकर 15 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हुए है. वहीं ग्रामीण अब तीन दिन से भूख हड़ताल पर भी बैठ गए है. इस दौरान कई ग्रामीणों की हालात खराब हो गई. उन्हें तुरन्त अस्पताल भर्ती कराया गया. मौके पर पहुंचे सीओ और एसडीएम से ग्रामीणों ने बात करने से इंकार कर दिया. वहीं भाजपा के पूर्व विधायक महावीर राणा भी ग्रामीणों को समझाने में असफल रहें.

नदी पर पुल बनवाने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण.

पुल बनवाने को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

  • शाहपुर ओर हुसैन मलकपुर गांव के ग्रामीण बरसाती नदी पर पुल बनवाने को लेकर 15 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ हुए है.
  • ग्रामीण तीन दिन से भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं.
  • भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ी, ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
  • सूचना मिलने पर पहुंचे सीओ और एसडीएम से ग्रामीणों ने बात करने से इंकार कर दिया.
  • वहीं भाजपा के पूर्व विधायक महावीर राणा को आक्रोशित ग्रामीणों ने बेरंग लौटा दिया.

जानिए पुल न होने से कौन-कौन सी परेशानी से जूझ रहे हैं ग्रामीण

  • ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार कहने के बावजूद ना तो नदी पर पुल बन सका और ना ही सड़क और तटबंध बनाए गए.
  • बरसात के मौसम में गांव के चारों ओर से गुजर रही बरसाती नदियों में पानी आ जाता है और गांव एक टापू बन कर रह जाते हैं.
  • दोनों गांवों की करीब सात हजार की आबादी का तहसील मुख्यालय सहित बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह कट जाता है
  • न तो मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं और न ही बच्चे स्कूल जा सकते हैं
  • मजदूरी पर जाने वाले लोग कई कई दिन मजदूरी तक करने नहीं जा पाते है.
  • पिछले वर्ष कॉलेज जा रही तीन छात्राएं भी नदी के तेज बहाव मे बह गई थी. जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया था.
  • इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में बाढ़ का पानी गांव की ओर आ जाता है, जिसमें मवेशी बह जाते हैं.
  • ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक निर्माण शुरू नहीं होगा तो वह आंदोलन करते रहेगें.

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