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वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में खराब पड़े वाल्व, लोगों को नहीं मिल पा रहा साफ पानी

मथुरा में लोगों को साफ पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. दरअसल यहां बना गोकुल बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में कई मशीनें और वाल्व खराब पड़े हैं. जिसके कारण लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

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Published : May 7, 2019, 3:37 PM IST

मथुरा : वृंदावन में लोगों साफ पानी पिलाने वाला गोकुल बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ठीक से पानी साफ नहीं कर पा रहा है. इसकी वजह है उसके खराब पड़े वाल्व और मोटर हैं. इसके चलते कम पानी का साफ हो रहा है और लोगों को पानी की सप्लाई भी कम हो रही है.

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में खराब पड़े वाल्व.
  • गोकुल बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 16 फरवरी 2003 को शुरू हुआ था इसकी निर्धारित क्षमता 101 एमएलडी है जबकि धरातल पर 80 एमएलडी है.
  • वहीं अब इसमें 13 एमएलडी पानी ही शोधित हो रहा है. जिसके कारण लोगों को पानी की आपूर्ति सही से नहीं हो पा रही है.
  • दरअसल 2006 में आगरा की वातावरण टेक्नो कंपनी को संचालन का ठेका मिला तभी से यही कंपनी संचालन कर रही है.
  • नगर निगम इसके लिए छह लाख रुपए का मासिक का भुगतान करता है. इसमें से साढ़े तीन लाख रुपए का क्लोरीन और एलम (फिटकरी) और ढाई लाख रुपए कर्मचारी के वेतन पर खर्च हो रहा है.
  • प्लांट की मशीनों की मरम्मत को धन राशि नहीं मिल पा रही है.
  • फिल्टर हाउस के 40 वाल्व में से 20 काम नहीं कर रहे हैं. इसके नए वाल्व भी नहीं मिल पा रहे हैं.
  • क्लोरीफ्लोकुलेटर नंबर दो करीब 1 साल से बंद पड़ा है. इसकी सफाई को धनराशि नहीं मिली है.

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति असंतोषजनक है. इसलिए प्रदेश के डब्ल्यूटीपी के संचालन को वन सिटी वन ऑपरेटर की व्यवस्था लागू किया जाना प्रस्तावित है. व्यवस्था को लागू करने के लिए नगर निकायों से प्रस्ताव मांगे गए हैं. वही इस सब के कारण गोकुल बैराज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर निर्भर रहे लोगों को साफ पानी नहीं मिल पा रहा है.

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