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मेरठ: UP महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने सीनियर डॉक्टर को दी पीटने की धमकी - meerut news

यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने मेरठ में एक महिला डॉक्टर को धमकी दी. यह घटना कैमरे में कैद हो गई. वीडियो में वह सीनियर डॉक्टर को पीटने और टर्मिनेट कराने की धमकी देती नजर आ रही हैं.

महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने सीनियर डॉक्टर को दी पीटने की धमकी दी.

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Published : Jun 4, 2019, 12:45 PM IST

मेरठ: उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने महिला अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें कई खामियां मिलीं तो वह भड़क उठीं. उन्होंने तैश में आकर सीनियर महिला डॉक्टर को पीटने की धमकी दे डाली और साथ ही टर्मिनेट करने की बात कही.

यूपी महिला आयोग उपाध्यक्ष ने कैमरे के सामने सीनियर डॉक्टर को धमकाया.

क्या है पूरा मामला

  • गीता नाम की एक मरीज ने महिला आयोग से शिकायत की थी.
  • इस शिकायत में महिला ने सीनियर डॉक्टर किरन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्हें बिना बताए उनकी सीजेरियन डिलीवरी कर दी गई थी.
  • महिला आयोग की प्रदेश उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने आरोपी डॉक्टर और महिला जिला चिकित्सालय की सुपरिटेंडेंट इन चीफ मनीषा वर्मा समेत सभी स्टाफ को सर्किट हाउस में तलब कर लिया.
  • इस दौरान शिकायतकर्ता महिला के परिजनों को भी बुलाया गया था और महिला आयोग उपाध्यक्ष पूरे मामले को सुन रही थीं.
  • इसी बीच डॉ. किरन सिंह ने जब अपना पक्ष रखा तो किसी एक बात पर आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह गुस्से में आ गईं.
  • उन्होंने टेबल पर हाथ मारकर डॉ. किरन सिंह से कहा कि चुप हो जाओ वरना पिट जाओगे.
  • इतना ही नहीं उन्हें टर्मिनेट करने की धमकी भी दे डाली.
  • यह सुनकर सर्किट हाउस में मौजूद सभी लोग अवाक रह गए. इस घटना से महिला डॉक्टर बेहद आहत हो गईं.

करीब ढेढ़ साल पुराना मामला है. एक महिला डिलीवरी कराने आई थी उसकी स्थित बहुत गंभीर थी. इसे देखते हुए उसकी सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ी लेकिन अब महिला का आरोप है कि मैंने उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी थी. इस मुद्दे पर जब मैं अपना पक्ष रख रही थी तो महिला आयोग की उपाध्यक्ष बदतमीजी पर उतर आईं. यह डॉक्टरों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं है.
- डॉ. किरन, चिकित्सक

मेडिकल अफसर ने गलत तरीके से डिलीवरी की थी. पीड़ित महिला ने इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. जब आरोपी महिला डॉक्टर से पूछताछ की जा रही थी तो उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. ऐसे डॉक्टरों की इस पेशे में कोई जरूरत नहीं है. उन्हें इस अस्पताल में नहीं रहने दिया जाएगा.
- सुषमा सिंह, उपाध्यक्ष, महिला आयोग

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