लखनऊ:गुरुवार सुबह 6:00 बजे सूचना मिली कि लखनऊ-रायबरेली रोड पर नगराम क्षेत्र में एक ओवरलोडेड मैजिक गाड़ी इंदिरा नहर में गिर गई. गाड़ी में सवार 7 बच्चे भी इंदिरा नहर में गिर गए और पिछले 1 घंटे से बच्चों की तलाश की जा रही है. यह सूचना जिसने भी सुनी उसके मन में पहला सवाल यही आया होगा कि आखिर ऐसी सड़क दुर्घटनाएं कब तक होती रहेंगी? कब तक मासूमों की जान अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ेगी?
यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में तमाम ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें लापरवाही के चलते लोगों की जानें गई हैं. भले ही घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद जिला प्रशासन पुलिस सहित तमाम तंत्र सक्रिय हो गया हो, लेकिन घटना के बाद की सक्रियता जिम्मेदार के ऊपर उठने वाले सवालों का जवाब नहीं दे सकती.
- बच्चों के परिजनों का कहना है कि गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर नशे में था.
- जहां गाड़ी मुड़ रही थी वहां पर टीप्वाइंट था. नशे की वजह ड्राइवर ब्रेक नहीं लगा सका और गाड़ी नहर में समा गई.
- यह घटना उस समय हुई है जब सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यातायात नियम सिखाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
- अभियान के तहत लोगों को हेलमेट पहनने की सीख दी जा रही है और हेलमेट न पहनने वालों पर कार्रवाई की जा रही है.
यह है दुर्घटनाओं की वजह
- राजधानी लखनऊ व आस-पास के जिलों में उपलब्ध होने वाली सार्वजनिक यातायात व्यवस्था पर नजर दौड़ाई तो यह पूरी व्यवस्था ही दुर्घटनाओं को दावत देती हुई नजर आती है.
- राजधानी लखनऊ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर विक्रम टेंपो, ऑटो प्रमुख हैं.
- शहर में बड़ी संख्या में अवैध ऑटो और टेंपो संचालित हैं.
- ऑटो और टैंपू में मानकों के विपरीत सवारियों को ढोया जाता है.
- तमाम ऐसे भी ड्राइवर हैं जो बिना नशे के गाड़ियां नहीं चलाते हैं.