मेरठ:लाॅकडाउन में अनलॉक के पहले चरण में जिला प्रशासन ने भले ही शर्तों के साथ बाजारों को खोलने की अनुमति दे दी हो, लेकिन बाजार से ग्राहक गायब हैं. दुकानदारों का कहना है कि जिला प्रशासन ने बाजार खोलने की जो व्यवस्था बनाई है, उससे एक दिन में आधा बाजार खुलता है और आधा बाजार बंद रहता है. ऐसे में ग्राहक बाजार आने से कतराते हैं.
व्यापारियों का कहना है कि ग्राहकों में असमंजस रहता है कि बाजार की कौन से सामान की दुकान कब खुलेगी. व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन से एक बाजार को एक दिन पूरी तरह खोलने की मांग की है, ताकि ग्राहक और दुकानदार दोनों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
आधी दुकानों के बंद होने से समस्या
मोदीपुरम चौहान मार्केट व्यापार संघ के महामंत्री शीलेंद्र कुमार का कहना है कि बाजार खोलने को लेकर जिला प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं है. प्रदेश सरकार ने सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन ने सुबह 10 से 4 बजे तक की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है.
उन्होंने बताया कि किराना की दुकान सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खुलती हैं. कुछ बाजारों में यह समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक किया गया है. जिला प्रशासन ने एक दिन दाएं तरफ और दूसरे दिन बाईं तरफ की दुकानें खोलने का शेड्यूल बनाया है, जबकि कुछ बाजारों में एक दिन सामने की दुकान है और एक दिन अंदर की दुकानें खोलने का शेड्यूल बनाया गया है.
बाजारों में नहीं आते ग्राहक
व्यापार संघ के महामंत्री शीलेंद्र कुमार का कहना है कि बाजार खोलने की अलग-अलग स्थिति होने से ग्राहक और दुकानदार दोनों ही परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि दोपहर में ग्राहक नहीं आता. जिस दिन सामने की दुकानें बंद होती हैं, उस दिन ग्राहक पूरे बाजार को बंद समझ कर वापस चले जाते हैं. महामंत्री शीलेंद्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें दुकानदारों की स्थिति से अवगत कराकर समाधान निकालने की मांग की जाएगी.
क्या है बाजार की हालत
दुकानदार सुधीर चौहान का कहना है कि बाजार एक साथ खुलने चाहिए, भले ही उनके खोलने का समय कम कर दिया जाए. सुबह 9 बजे से 2 बजे तक का समय यदि बाजार खोलने का कर दिया जाए, तब भी ग्राहक बाजार में आकर खरीददारी कर सकेंगे. एक साथ सभी दुकानें खुलने से वह अपनी जरूरत का सामान एक दिन में ही खरीद सकेगा. वर्तमान स्थिति में उसे 2 दिन बाजार में आना पड़ता है. अब स्थिति यह है कि 10 बजे दुकान खुलती है. दोपहर में गर्मी होने की वजह से कोई ग्राहक बाजार में नहीं आता. ऐसे में दुकानदार पूरे दिन खाली बैठकर ही वापस चला जाता है.