कन्नौज: जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात परी कानूनी पेंचों में फंसी है. आखिरकार 57 दिनों के बाद परी को लखनऊ के बाल गृह भेज दिया गया. शुक्रवार को बाल संरक्षण की टीम और चिकित्सक की टीम की निगरानी में जीवन रक्षक एंबुलेंस से परी लखनऊ भेजी गई. परी को लखनऊ भेजने से पहले एसएनसीयू वार्ड में नजारा कुछ अलग ही दिखा. वार्ड में मौजूद डॉक्टर व स्टाफ कर्मचारियों की आंखों से आंसू छलक आए. सभी ने भरी आंखों से परी को विदाई दी. स्टाफ कर्मचारी परी की अपने बच्चे की तरह परवरिश कर रहे थे.
क्या है मामला
दरअसल सदर कोतवाली के वंशरामऊ गांव निवासी आरती की शादी औरैया जनपद के बेला कस्बा निवासी आकाश के साथ हुई थी. प्रसव के लिए वह अपने मायके आ गई थी. बीते 11 सितम्बर को प्रसव पीड़ा होने पर आरती को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां पर डॉ. मनप्रीत कौर ने स्टाफ के साथ आरती का प्रसव कराया था. बताया जा रहा है कि महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया था. बच्ची के जन्म लेने के कुछ देर बाद ही महिला की मौत हो गई थी. इसके बाद पति आकाश व आशा बहू ने अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. उसके बाद पिता ने बच्ची को लेने से इनकार कर दिया. पिता का आरोप था कि उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया है, लेकिन अस्पताल बच्ची दे रहा है. उसके बाद से ही बच्ची जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती थी.
57 दिनों बाद लखनऊ भेजी गई परी