मथुरा: होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं देते नजर आते हैं वहीं मथुरा के एक गांव में आज भी पुरानी परंपरा को दोहराया जाता है. परंपरा के अनुसार शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन के समय आग की लपटों के बीचों-बीच एक इंसान गुजरता है. यह नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.
मथुरा मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर कोसीकला के फालेन गांव में सदियों से परंपरा चली आ रही है. इस गांव में आज भी दहकती होलिका पर परंपरा का कायम है. हर साल के मुताबिक इस बार भी पहलाद कुंड में स्नान करके होलिका की धधकती आग में से नंगे पैर बाबू लाल पंडा निकले. इसके बाद भी उन्हें किसी प्रकार की कोई खरोच नहीं आई. जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं. लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.