कानपुर: ऐश्वर्या को चिड़ियाघर से ले जाने के लिए अभी तक कानपुर कोई नहीं आया है. ऐश्वर्या को गुजरात जाना था. उसके लिए जाने के इंतजाम कई दिनों से किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई नहीं आया है. कानपुर में उसके जानने वाले भी मायूस हैं. हम बात कर रहे हैं ऐश्वर्या जेब्रा की.
पलके बिछाये विदाई की राह तक रही है 'ऐश्वर्या'
कानपुर चिड़ियाघर में लोगों को आजकल जेब्रा के बाड़े के पास से गुजरते समय फिजाओं में एक टीस सी महसूस हो रही है. यह टीस मादा जेब्रा ऐश्वर्या के दिल की है. दरअसल ऐश्वर्या का जीवन साथी गुजरात में है. जिससे उसका रिश्ता सेण्ट्रल जू अथारिटी के एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत तय हुआ था. एक्सचेंज के तहत कानपुर चिड़ियाघर को गुजरात से लायन मिल चुके हैं. लेकिन गुजरात वाले अभी तक ऐश्वर्या को दुल्हन बनाकर नहीं ले गये हैं. वो अपनी विदाई की घड़ी का इन्तजार में एक-एक दिन अकेलेपन के अहसास के साथ गुजार रही है.
बहरहाल कानपुर चिड़ियाघर प्रशासन भी अपनी बेटी को बोझ नही मान रहा है. उसने एक जेब्रा दम्पत्ति को ऐश्वर्या के बाड़े में साथ रखने की योजना बनायी है ताकि जेब्रा परिवार में बढोत्तरी हो और सभी का दिल बहल सके. उत्तर प्रदेश सरकार ने दक्षिण अफ्रीका से तीन जेब्रा जोड़े मंगाये हैं. कानपुर जू इनमें से एक जोड़ा हासिल करने की जुगत लगा ली है.
हालांकि कानपुर के वन्य प्रेमियों की बहुत पुरानी मांग दक्षिण अफ्रीका से जिराफ मंगाने की है. लेकिन उसके विशालकाय शरीर के लिये बड़ा कण्टेनर मंगाना पड़ेगा जिसकी ढुलाई शिप से सम्भव होगी और इसका भाड़ा लगभग डेढ़ करोड रूपया पड़ेगा. फिलहाल कानपुर चिड़ियाघर इस भारी भरकम खर्च को उठाने की स्थिति में नहीं है. इसलिये वो अफ्रीका से जेब्रा दम्पत्ति को ही ला पा रहा है जिसके लिये उसे कुल तैंतीस लाख खर्च करने पड़ेगें.