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लखनऊ: दोषी कंंपनी को जांंच रिपोर्ट भेज मांगा जवाब, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने जताई आपत्ति - लखनऊ की ताजा खबर

उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर बिजली गुल मामले में जिस एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को दोषी माना गया है. पावर कॉरपोरेशन ने उसी को जांच रिपोर्ट भेजकर जवाब मांगा है, जिस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आपत्ति जताई है.

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यूूपी विद्युत नियामक आयोग.

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Published : Oct 29, 2020, 5:24 PM IST

लखनऊ:राजधानी लखनऊ में स्मार्ट मीटर बिजली गुल मामले की जांच चल रही है. जिस एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को स्मार्ट मीटर के मामले में दोषी माना गया है. उसी से पावर कॉरपोरेशन ने जांच रिपोर्ट भेजकर जवाब मांगा है. इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य विद्युत उभोक्ता परिषद ने कहा कि जिसके खिलाफ जांच चल रही है. उसी को जांच रिपोर्ट भेजा जाना गलत है.

राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के लगभग 6 जिलों में जनमाष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घर बिजली गुल हो गई थी. इससे सीएम, ऊर्जा मंत्री समेत पावर कॉरपोरेशन के तमाम अधिकारियों में हड़कंप मच गया था. अब इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने विद्युत नियामक आयोग में जवाब दाखिल किया है. जवाब में पावर कॉरपोरेशन ने कहा है कि ईईएसएल को इस मामले की रिपोर्ट भेजकर जवाब मांगा गया है.

यूूपी विद्युत नियामक आयोग.

स्मार्ट मीटर बिजली गुल मामले में मध्यांचल कंपनी के एमडी सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट को ईईएसएल को भेजकर जवाब मांगने की सूचना कॉरपोरेशन ने आयोग को दी है. पावर कॉरपोरेशन के इस कदम पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जिसके खिलाफ जांच है. उसी को रिपोर्ट भेजा जाना गलत है. वर्मा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर ईईएसएल के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. उनका कहना है कि लाखों विद्युत उपभोक्ताओं को हुई परेशानियों के लिए सरकार को ईईएसएल के खिलाफ तत्काल एक्शन लेना चाहिए.

कमेटी कर रही जांच
निम्न स्तर के स्मार्ट मीटर के निर्माताओं को काली सूची में डालने की मांग भी की जा रही है. सरकार के इस कदम से स्मार्ट मीटर बिजली गुल और स्मार्ट मीटर भार जंपिंग से परेशान हुए उपभोक्ताओं के बीच बेहतर संदेश जाएगा. बता दें कि कुछ इलाकों में विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली बिल जमा होने के बावजूद कई दिन तक स्मार्ट मीटर के चलते बिजली गुल रही थी, जिसने स्मार्ट मीटर की क्वालिटी पर सवालिया निशान लगा दिया था. इसी की जांच के लिए मध्यांचल एमडी की अध्यक्षता में कमेटी गठित हुई थी.

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