लखनऊ: भारतीय सूचना सेवा के दो युवा अधिकारी विकास और मृगांक इस समय प्रशिक्षण के लिए निर्वाचन आयोग आए हैं. विद्यार्थी जीवन के बाद पहली बार सरकारी तंत्र को इतना करीब से देख रहे हैं. इसे देख कर वह काफी उत्साहित हैं. खास बात यह है कि मृगांक पाठक की सिविल सेवा परीक्षा में इस बार 103 रैंक आई है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने इन युवा अधिकारियों से बातचीत की. बातचीत के दौरान इन युवा अधिकारियों के अपना अनुभव साझा किये.
विश्व के सबसे बड़े चुनाव को संपन्न कराने में लगे युवा अधिकारियों ने साझा किए अनुभव - लखनऊ
देश में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कई सालों के अनुभवी और नए सभी अधिकारी रात-दिन लगे हुए हैं. ऐसे अभी कुछ दिन पहले प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए अधिकारियों के चुनाव को लेकर क्या अनुभव है. आइए जानते हैं.
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युवा अधिकारियों के निर्वाचन आयोग में काम करने के अनुभव
- विकास नारायण ने बताया कि पहले जिस चुनाव में एक मतदाता के तौर शामिल होते थे. आज उसके हिस्सा हैं. मतदान के दौरान किस प्रकार से अधिकारी चीजों को संभाल रहे हैं. यह देखने को मिल रहा है.
- सोशल मीडिया है. मीडिया है. आदर्श चुनाव आचार संहिता है. मतदान के दौरान वार रूम की कार्य प्रणाली. ईवीएम और वीवीपैट की खराबी पर किस प्रकार से इसे संभालना होता है. ऐसे ही तमाम चीजों को देखने को मिल रहा है.
- विकास का कहना था कि नौकरी में आने के बाद पता चल रहा है कि इसे संचालित करने के लिए कितना बड़ा तंत्र काम करता है. कैसे काम करता है. अपने संदेश में विकास नारायण ने कहा कि इस समय मतदान हो रहा है और सभी लोग मतदान करें.
- वहीं दूसरे युवा अधिकारी मृगांक पाठक ने कहा कि आयोग में मेरा काफी अच्छा अनुभव रहा है. अभी तक चुनाव प्रक्रिया को बाहर से देख रहा था और अब अंदर से देख रहा हूं.
- मतदान के बारे में जो हमारी जानकारी थी वह अभी तक ऊपरी थी. किताबों में जो पढ़ा था उसी के आधार पर जानता था. अब हम प्रत्यक्ष सारी चीजों को देख रहे हैं. इसका अनुभव दूसरा होता है.
- विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में जो चुनाव आयोजित हो रहा है उसे इतना करीब से देखना मेरे लिए एकदम नया और बेहद ही रोमांचक है.
- कैडर की पसंद के बारे में पूछे जाने पर मृगांक ने कहा कि नौकरी में आए हैं तो पसंद और नापसंद की बात ही नहीं है. अगर हम पसंद ना पसंद रखेंगे तो हम इतने अच्छे ढंग से काम नहीं कर पाएंगे.