गौतमबुद्ध नगर : गुर्जर बिरादरी के वोटों के दम पर जीत का दावा करने वाले सपा-बसपा और रालोद को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने कड़ी टक्कर देने का प्लान बनाया है. संयुक्त प्रत्याशी सतवीर नागर को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया ने एक गुर्जर को अपना उम्मीदवार घोषित कर मुसीबत में डाल दिया है.
शिवपाल यादव ने जितेंद्र कसाना पर खेला दांव, 'अखिलेश' की राह हुई मुश्किल! - यू पी पोलिटिकल न्यूज
क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं.
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प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने जिले के वरिष्ठ नेता जितेंद्र कसाना पर दांव खेला है. जितेंद्र कसाना लगभग दो दशक से विभिन्न राजनीतिक दल के साथ काम करते रहे हैं. राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी उन्होंने काफी दिनों तक काम किया है. उनके पिता चौधरी बिहारी सिंह बागी अपनी पहचान के मोहताज नहीं रहे. खासतौर से गुर्जर बिरादरी में उनका एक दबदबा माना जाता था.
'किसान-गरीब और युवा परेशान'
शिवपाल सिंह यादव ने जितेंद्र कसाना से पहले मोहम्मद जावेद को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसे लेकर भी गठबंधन में कुछ हलचल थी, लेकिन मुस्लिम मतदाताओं के मद्देनजर उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दी गई. अब क्षेत्र के एक गुर्जर नेता को मैदान में उतार कर शिवपाल सिंह यादव ने गठबंधन प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जितेंद्र कसाना ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं, इसलिए वह जनता का दर्द समझते हैं. जितेंद्र कसाना का कहना है कि जिले का किसान, गरीब और युवा परेशान है. किसानों की जमीन को औने-पौने दाम देकर लूटा गया है.