वाराणसी:शिव की नगरी काशी और माता विंध्यवासिनी की नगरी मिर्जापुर इन दोनों का आपस में पुराना नाता है. काशी में लोग बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आते हैं तो शक्ति की आराधना के लिए लोग विंध्याचल जाते हैं. नवरात्रि के पावन पर्व पर विंध्याचल का विशेष महत्व है, जहां हर साल भारी भीड़ उमड़ती है. इस बार कोविड-19 की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में थोड़ी दिक्कतें जरूर होने वाली है, लेकिन रोडवेज ने इसके पहले ही कमर कस ली है. वाराणसी से विंध्याचल जाने के लिए इस बार जिला परिक्षेत्र के अधिकारियों ने 50 अतिरिक्त बसों को लगाने की तैयारी की है. पहले से ही मिर्जापुर के लिए वाराणसी से 10 से ज्यादा बसों का संचालन किया जा रहा है. वहीं अब नवरात्रि पर काशी परिक्षेत्र से 50 अतिरिक्त बसों के चलने के बाद मां के दरबार पहुंचने के लिए हर आधे घंटे पर रोडवेज से बस उपलब्ध रहेगी.
वाराणसी: काशी से विंध्याचल जाने के लिए हर आधे घंटे पर मिलेगी रोडवेज बस - वाराणसी से विंध्याचल
उत्तर प्रदेश के काशी से विंध्याचल जाने के लिए इस बार वाराणसी परिक्षेत्र के अधिकारियों ने 50 अतिरिक्त बसों को लगाने की तैयारी की है. पहले से ही मिर्जापुर के लिए वाराणसी से 10 से ज्यादा बसों का संचालन हो रहा है और अब नवरात्रि पर परिक्षेत्र से 50 अतिरिक्त बसों के चलने के बाद विंन्ध्याचल जाने के लिए हर आधे घंटे पर रोडवेज बस उपलब्ध रहेगी.
25 बसें बनारस से और 25 जौनपुर से
इस बारे में वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके राय ने बताया कि मां विंध्यवासिनी का दर्शन सुगमता से लोगों को मिल सके, इसके लिए रोडवेज ने 50 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है. इस व्यवस्था के तहत 25 बसों का संचालन वाराणसी से और 25 बसों का संचालन जौनपुर जिले से किया जाएगा. इन बसों के चलने से सबसे ज्यादा आराम उन लोगों को होगा, जो मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने जाना चाह रहे हैं.
वहीं सबसे बड़ी बात यह कि भक्तों की संख्या को देखते हुए आधे घंटे से पहले भी बसें उपलब्ध हो सकेंगी, क्योंकि पर्याप्त मात्रा में बसों को लगाया जा रहा है. विंध्याचल दर्शन के दृष्टिगत शासन को अतिरिक्त बसों की उपलब्धता की मांग की गई थी, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है और नवरात्र शुरू होने से पहले ही यहां अतिरिक्त बसें यहां आ जाएंगी, जिनका संचालन नवरात्रि के 9 दिनों तक लगातार किया जाएगा, ताकि बिना किसी दिक्कत और परेशानी के लोग माता के दरबार में पहुंच सकें.