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वाराणसी: रिंग रोड प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण, भूमि अधिग्रहण न होने से रुका काम - पीएम मोदी

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का काम अधर में लटकता दिखाई दे रहा है. दरअसल, भूमि अधिग्रहण न होने की वजह से प्रोजेक्ट के दूसरे फेज का काम रुक गया है.

अधर में लटका रिंग रोड प्रोजेक्ट के सेकेंड फेज का काम.

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Published : Mar 4, 2019, 9:03 AM IST

वाराणसी:2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया. जहां उनका हमेशा से यह दावा रहा है कि बीजेपी सरकार जिस काम की शुरुआत करती है, उसे पूरा कर लोकार्पण भी करती है. वहीं पीएम के संसदीय क्षेत्र में एक प्रोजेक्ट ऐसा भी है, जिसका फर्स्ट फेज शुरू किया जा चुका है, लेकिन इसका दूसरा फेज भूमि अधिग्रहण न हो पाने की वजह से अभी तक रुका हुआ है.

अधर में लटका रिंग रोड प्रोजेक्ट के सेकेंड फेज का काम.

वाराणसी में तैयार हो रही रिंग रोड पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसका फर्स्ट फेज पूरा होने के बाद पूरे देश और दुनिया में बनारस की छवि सुधारने का प्रयास किया गया. लेकिन भूमि अधिग्रहण न हो पाने से सेकेंड फेज का काम अब तक शुरू नहीं हुआ है. सेकंड फेज के काम में 45 किलोमीटर की लंबी रिंग रोड का जो प्रस्ताव है, जिसमें आने वाले 25 से ज्यादा गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए किसान राजी ही नहीं है. इसकी वजह से यह प्रोजेक्ट अब तक रुका हुआ है.

सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा कीमत की मांग

रिंग रोड फेज 2 परियोजना पर लंबे वक्त से ग्रहण लगा है.1 साल पहले इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास तो हुआ लेकिन भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के मुताबिक मुआवजे की मांग पर किसान अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि सर्किल रेट से 4 गुना ज्यादा कीमत मिलने के बाद ही वह अपनी जमीन सरकार को देंगे. जिसकी वजह से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका है.

53 गांवों से गुजरेगी रिंग रोड़

आउटर रिंग रोड फेज 2 की अगर बात की जाए तो जनवरी 2018 में केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दी थी. जिसके बाद मार्च महीने में इसका शिलान्यास हुआ. इस योजना के तहत 1355 करोड़ रुपए के आवंटित बजट में वाराणसी और चंदौली के 53 गांव से गुजरने वाली 45 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का विस्तार प्रस्तावित है.

ट्रैफिक व्यवस्था में मिल सकेगी सुधार

सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रोजेक्ट में गंगा पर एक पुल के साथ चार फ्लाईओवर तीन आरओबी और कुल 19 अंडर पास बनाए जाने हैं. जिस पर यह कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद वाराणसी की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा.

मामले पर अधिकारियों ने साधी चुप्पी

हालांकि इस पूरे मामले में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. मामला केंद्र सरकार से जुड़े होने की वजह से इसको सीधे-सीधे सेंट्रल गवर्नमेंट के ऑफिसर से बात करने का हवाला दिया जा रहा है. वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी भी मामले पर बात करने को तैयार ही नहीं है.

दो चरणों में पूरा होगा काम

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दो चरणों में इस काम को पूरा किया जाना है. पहले चरण में 17 किलोमीटर राजातालाब से हरहुआ तक और दूसरे चरण में संदहा से 28 किलोमीटर गंज बसनी यानी चंदौली तक इस प्रोजेक्ट को पूरा होना है.

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