बदायूं: मोदीसरकार अपनी योजनाओं वाली पोटली में से स्वच्छ भारत मिशन, उज्जवला योजना और सौभाग्य योजना के नाम पर खूब वाहवाही लूटती नजत आती है. असल जमीन पर इन योजनाओं की दशा-दिशा किस हाल में इसी का रियॉलिटी चेक करने के लिये ईटीवी भारत ने बदायूं के एक गांव की ओर रूख किया. ईटीवी भारत ने जबइन योजनाओं की जमीनी हकीकत की ओर रूखसत किया कई पहलु निकलकर सामने आये. इस दौरान स्थानीयलोगों ने खुलकर इन योजनाओं केहाल-ए- हकीकत को बयां किया.
बदायूं: सरकार की जनहितकारी योजनाओं की पड़ताल - ujjawala yojana
सरकार अपनी योजनाओं के जरिये आम लोगों तक अपनी पैठ बढ़ाती है. सरकार की इन योजनाओं को विकास की धूरी तो वहीं आम लोगों को इसकी सवारी कहा जाता है. जाहिर सी बात है विकास की धूरी चलेगी तभी सवारियों की संख्या में इजाफा होगा.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के लियेघर- घर मे शौचालय का निर्माण करवाया गया. इसका फायदा भी मिला, जो लोग पहले खुले में शौच जाया करते थे इस योजना के बाद घरों में शौचालय बन जाने से उन्हेंखुले में शौच जानेसे छुटकारा मिल गया. घरों में शौचालय बनने के बाद महिलायें काफी खुश है.
उज्जवला योजना के तहत रसोई को धुंआ मुक्त करने का संकल्प सरकार ने लिया था. इस योजना के जरिये देश के बीपीएल परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन से लैस किया गया है. इस पर ग्रामीण महिलायें कहती है कि मोदी सरकार की यह पहल उनके लिये सौगात है इस से रसोईं का सब काम जल्दी निबटने के साथ हीधुंआ से निजात भी मिल गया.
तीसरी सबसे महत्वपूर्ण योजना है सौभाग्य योजना जिसके तहत गांव -गांव तक रोशनी पहुंची है. इसमें सेकुछ जगह तो ऐसे है जहां आजादी के बाद इस योजना के तहत पहली बार बिजली पहुंची है नहीं तो ढिबरी और लालटेन का सहारा था. इस योजना में एक पेंच भी फंसता नजत आ रहा है वह है मीटर रीडिंग का यानि की बत्ती गुल मीटर चालू जिस पर जिसपर लोगों का कहना है सरकार को इस बेवजह वसूली को रोकना चाहिये.