हाथरस:बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित किए जाने को लेकर उनके समर्थकों में रोष है. जगह-जगह उनके समर्थक पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. बुधवार को शहर की लेबर कॉलोनी स्थित रामवीर उपाध्याय के आवास पर एक सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद रहे. इस मौके पर रामवीर उपाध्याय ने मीडिया से बातचीत की और खुद के निलंबन पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि वह समर्थकों की राय के बाद ही आगे का रुख तय करेंगे.
बसपा से निलंबन के बाद बोले रामवीर उपाध्याय- समर्थकों से विचार विमर्श के बाद तय करुंगा आगे का रुख - हाथरस ताजा न्यूज
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. पार्टी के इस फैसले के बाद से ही उनके समर्थकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय बुधवार को निलंबन के बाद अपने समर्थकों से मिले.

बसपा से निलंबित होने के बाद समर्थकों से रूबरू हुए रामवीर उपाध्याय.
बसपा से निलंबित होने के बाद समर्थकों से रूबरू हुए रामवीर उपाध्याय.
निलंबन से स्तब्ध पूर्व मंत्री व उनके समर्थक
- पूर्व ऊर्जा मंत्री को बुधवार को पार्टी और विधानसभा में मुख्य सचेतक के पद से निलंबित कर दिया गया था.
- बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने उनका निलंबन आदेश पत्र जारी किया था.
- इस फैसले के बाद से ही उपाध्याय के समर्थक खासे नाराज दिख रहे हैं.
समर्थकों से क्या बोले रामवीर उपाध्याय
- बहुजन समाज पार्टी का यह कदम मुझे आश्चर्य में डालने वाला है.
- मैंने साल 1996 में बसपा की सदस्यता ग्रहण की थी और तब से लगातार पार्टी की मजबूती के लिए कड़ी मेहनत करता रहा.
- प्रदेश के पिछड़ा वर्ग और सवर्ण खासकर ब्राह्मणों को पार्टी से जोड़ने के लिए प्रत्येक विधानसभा में संपर्क अभियान चलाए.
- इसीके चलते साल 2007 में पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ सर्व समाज की पार्टी बन गई.
- साल 2009 लोकसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी सवर्ण और गैर जाटव मतदाताओं से दूर होती गई.
- इस संबंध में मैं लगातार बसपा अध्यक्ष मायावती से अवगत कराता रहा लेकिन मेरी बात को तवज्जो नहीं दी गई.