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भदोही : 20 दिन पहले शामिल भाजपा प्रत्याशी को इन कारणों से मिली जीत

भदोही संसदीय सीट रमेश चंद बिंद ने 5,10029 मत हासिल कर भाजपा की झोली में एक और जीत डाल दी है. भाजपा प्रत्याशी रमेश चंद बिंद ने निकतटम प्रतिद्वंदी महागठबंधन प्रत्याशी पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र को 43615 मतों से पराजित किया. इसके पीछे के कारणों को देखा जाय तो राष्ट्रवाद व विकास के नारे के साथ ही भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग ने पूरी बाजी पलट कर रख दी.

भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद

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Published : May 25, 2019, 1:05 PM IST

भदोही: लोकसभा चुनाव से 20 दिन पहले बीजेपी ने जब भदोही लोकसभा सीट पर एक प्रत्याशी का नाम घोषित किया था जो कि कुछ दिनों पहले ही बहुजन समाज पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए थे. लोग तब से यह कयास लगा रहे थे कि बीजेपी ने एक बाहरी प्रत्याशी और ब्राह्मण बाहुल्य लोकसभा सीट पर बिंद बिरादरी को टिकट देकर गलती की है, लेकिन नतीजा इसका उलट रहा. बीजेपी के रमेश चंद बिंद 43,615 वोटों से जीत कर संसद पहुंच गए. उनके चुनाव जीतने के पीछे प्रमुख वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी रही. इसके अलावा भी कई सारी वजह रहीं, जिसके कारण बीजेपी को यहां जीत मिली.

मीडिया से बात करते निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा.

भदोही में 43615 मतों से जीते भाजपा प्रत्याशी रमेश बिंद

  • यह क्षेत्र ब्राह्मणों का गढ़ माना जाता है और यह विजय मिश्रा का भी वोट बैंक है.
  • ब्राह्मणों की नाराजगी के बावजूद ज्ञानपुर विधानसभा सीट से रमेश चंद 27000 वोटों से आगे निकले तभी उनकी जीत लगभग तय हो चुकी थी.
  • रमेश चंद बिंद का 43,615 वोटों से जीतने में बाहुबली निर्दल विधायक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
  • इसके अलावा भी कई ऐसे फैक्टर थे, जो रमेश चंद्र बिंदु को भदोही लोकसभा सीट से जिताने में कारगर साबित हुए.
  • भदोही लोकसभा सीट में बिंदु वोटरों की संख्या लगभग 3.30 लाख है.
  • बिंदु प्रत्याशी को मैदान में उतारकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला था.

  • हर बूथ पर लगभग 12 भाजपा के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी भी चुनाव जीतने में अहम रही.
  • विजय मिश्रा लगातार चार बार से भदोही जिले के ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
  • उज्जवला योजना, आवास योजना, किसान सम्मान निधि और शौचालय बनवाने की योजनाएं भी एक नए नवेले प्रत्याशी को जिताने में महत्वपूर्ण रहीं.

भदोही का इतिहास

भदोही को कालीन शहर के नाम से जाना जाता है. क्षेत्रफल के लिहाज से यह उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा जिला है. ज्ञानपुर शहर जिला मुख्यालय है. भदोही जिला गंगा नदी के मैदानी इलाकों में स्थित है, जो जिले की दक्षिण-पश्चिम सीमा का निर्माण करता है. गंगा के अलावा वरुण और मोर्वा यहां की प्रमुख नदियां हैं. भदोही जिला उत्तर में जौनपुर से, पूर्व में वाराणसी से, दक्षिण में मिर्जापुर से और पश्चिम में प्रयागराज से घिरा है.

भाजपा प्रत्याशी को इन कारणों से मिली जीत

यह सुनने में काफी आश्चर्य होगा कि भदोही लोकसभा सीट पर चुनाव के 20 दिन पहले प्रत्याशी की घोषणा होती है. वह प्रत्याशी भदोही की आम जनता के लिए बिल्कुल नया होता है यहां तक कि अधिकतर लोग उसको जानते तक नहीं है. वह भदोही लोकसभा सीट से यहां के स्थानीय प्रत्याशी बसपा के पूर्व मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा को हरा देता है. 20 दिन पहले आए रमेश चंद बिंद का चुनाव प्रचार सप्ताह भर भी नहीं बीता था कि उनका ब्राह्मणों को पीटने की बात करने वाला वीडियो वायरल हो चुका था. ऐसे में ब्राह्मण बाहुल्य भदोही लोकसभा सीट को जीतना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर बन गई थी. बीजेपी ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए लगातार लगी हुई थी. इसके लिए जो पहली जनसभा रखी गई वह प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे की रखी गई, ताकि ब्राह्मण वोट छूटने न पाए. ब्राह्मण वोटों की नाराजगी बढ़ती जा रही थी, ऐसे में यहां के स्थानीय बाहुबली निर्दल विधायक विजय मिश्रा ने बीजेपी को समर्थन कर बीजेपी को बड़ी राहत दी. हालांकि बीजेपी से उनकी नजदीकियों के बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है.

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