देवरिया: जिले के डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि सही समय पर ‘प्रोनिंग’ यानी विशेष तरीके से लेटने की विधि अपनाने से ऑक्सीजन लेवल में सुधार होता है. जिससे सांस लेने में तकलीफ कम हो जाती है. इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रोन पोजीशन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं.
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तकिए का इस्तेमाल कर पेट के बल लेटें
प्रशासन द्वारा जारी निर्देशिका में खास जोर पेट के बल लेटने पर दिया गया है. उसमें एक तकिया गरदन के नीचे, एक या दो तकिया सीने से नीचे से लेकर जाँघ तक और और दो तकिए के ऊपर पैरों को रख कर प्रोनिंग करने की विधि बताई गई है.
यह है प्रक्रिया
पहले मरीज को पेट के बल लेटा दें, फिर गर्दन के नीचे एक तकिया रखें, फिर एक या दो तकिए छाती और पेट के नीचे बराबर रखें और दो तकिए को पंजे के नीचे रखें. 30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक इस पोजीशन में लेटे रहने से फायदा मिलता है. 30 मिनट से दो घंटे में लेटने के पोजीशन को बदलना जरूरी है.
इन परिस्थितियों में न करें प्रोनिंग
खाना खाने के तुरन्त बाद प्रोनिंग न करें. कम से कम एक घंटे बाद ही करें. अगर आप प्रेगनेंट हैं या फिर कोई गंभीर हृदय रोग है तो इस प्रक्रिया को ना करें. इसको उतनी ही देर तक करें जितना आराम से कर सकते हों.