अलीगढ़ : रमजान के महीने में खजूर का महत्व बढ़ जाता है, कई वैरायटी के खजूर बाजार में उपलब्ध हैं. रोजेदार सहरी के वक्त भोजन के बाद पूरे दिन भूखे प्यासे रहते हैं. इसके बाद शाम को रोजा खोला जाता है. रोजा खोलना भी एक रस्म है, जिसके अनुसार खजूर खाकर ही रोजा तोड़ा जाता है इसके बाद दूसरी चीजें खाई जाती हैं. रमजान के महीने में खजूर की मांग को देखते हुए लगभग हर बार खजूर की कीमतों में उछाल आ जाता है, बताया जा रहा है कि इस बार खजूर की कीमतों में दो से तीन प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है.
अलीगढ़ : रमजान शुरु होते ही खजूर की कीमतों में आई बढ़ोत्तरी - price of date is increase
रमजान माह के शुरु होते ही बाजारों में खजूर की कीमतों में खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार खजूर की कीमतों में दो से तीन प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आई है.
रमजान माह के शुरु होते ही बाजारों में खजूर की कीमतों में खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है.
वैरायटी कीमत (प्रतिकिलो में)
- अजुवा - 1800 - 3500
- कलमी - 700 - 800
- मबरून - 1100 - 1200
- कीमिया - 120 - 140
- इरानी - 100 - 110
- सफाबी - 550 - 600
- देशी खजूर - 80 - 100
दोदपुर बाजार में खजूर बेचने वाले दुकानदार मोहम्मद आजम ने बताया कि इस बार खजूर की कीमतों में दो से तीन प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना जाहिद ने बताया कि सुन्नत के तहत रोजेदार रोजा खजूर से ही खोलते हैं.