बदायूं: सरकार लाख दावे करे कि किसान की आय दोगुनी हुई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है. दरअसल, आलू की फसल खेतों में तैयार है. किसानों ने आलू की खुदाई भी शुरू कर दी है, लेकिन मौसम की मार और आलू के कम भाव से किसान बदहाल है.
किसानों को आलू का नहीं मिल रहा सही दाम. किसानों का कहना है कि इस बार पैदावार भी कम हुई है, जिसकी वजह से किसानों पर चौतरफा मार पड़ी है. हकीकत ये है कि किसानों की फसलों का बीमा तक नहीं है, जिससे मौसम की मार से फसल बर्बाद होने पर उन्हें अपनी फसल की लागत तक नहीं मिल पाती.
किसान का आलू पककर तैयार है और खेतों में खुदाई चल रही है, लेकिन इस बार पैदावार काफी कम है. बाजार में 50 से 55 किलो का कट्टा मात्र 230 रुपये में जा रहा है, यानी कि मात्र 4 रुपये किलो आलू बिक रहा है. ऐसे में किसानों के सामने आलू की फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. आलू किसान ने बताया कि पहले तो पैदावार ही कम हुई.
उसके बाद बाजार में इस बार रेट काफी कम है. ऊपर से बारिश ने बहुत नुकसान कर दिया, जिससे इस बार लागत निकलना भी मुश्किल लग रहा है. फरवरी के महीने में इस बार मौसम के बार-बार करवट बदलने से किसानों की गेहूं, सरसों, मसूर और आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है. कुछ-कुछ समय के अंतराल पर तेज हवा के साथ बारिश और ओलावर्ष्टि ने फसल बर्बाद कर दी है.
वहीं, जब आलू लेकर किसान मंडी में जाता है तो एक कट्टे का मूल्य बमुश्किल 230 रुपये तक मिल पा रहा है, जिससे फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है. पूरे मामले पर कृषि अधिकारी का कहना है कि जनपद में बारिश के चलते अगर किसी किसान को कोई नुकसान हुआ है तो वह अपने पास की बैंक शाखा या कृषि केंद्र या जिला कृषि अधिकारी के पास जाकर उन्हें अवगत कराएं. उन्होंने बताया कि प्रार्थना पत्र दे तो तत्काल उसकी समस्या का समाधान किया जायेगा.