सहारनपुर : आसमान से बरस रही आग और मानसून की देरी से जहां किसानों के खेत सूखने लगे हैं वहीं फलों के राजा आम के बागों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. गर्मी के प्रकोप से आम के बागों को न सिर्फ कई बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया है, बल्कि इसकी पैदावार में 60 से 70 फीसदी की कमी आई है. ऐसे में बागवानों की चिंता बढ़ने लगी है. बागवानों के लिए इस बार आम घाटे का सौदा बन सकता है.
कम हुई आम की मिठास
सहारनपुर को फल पट्टी के नाम से जाना जाता है. यहां के बागों में पैदा हुआ आम भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी मिठास के लिए जाना जाता है. खट्टे अचार वाले आम से मीठे दशहरी, लंगड़ा, चौसा एवं मालदा समेत विभिन्न प्रजाति के आम विदेशियों के मुंह का स्वाद बने रहते हैं, लेकिन इस बार मानसून की देरी से यहां का आम फीका रह गया है. भीषण गर्मी के कारण आम के बागों में कई गंभीर बीमारियां लग गई हैं. इसे देखते हुए बागबानों ने समय से पहले ही आम की तुड़ाई शुरू कर दी है. इस बार आम की पैदावार कम होने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है.
बारिश और गर्मी का असर