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झांसी: कविताएं हमारी कल्पना हैं, इन्हें अपनाना जरूरत - poem sangam jhansi

आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में एकल काव्य पाठ के माध्यम से कवितारूपी अमोलशील कल्पनाओं की प्रस्तुती की गयी. इस काव्य संगम में साहित्य के अपनेपन का भाव और महत्व भी बताया गया.

आर्य कन्या डिग्री कॉलेज.

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Published : Feb 19, 2019, 10:18 AM IST

झांसी: जनपद के आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में कविता-एकल पाठ का आयोजन किया गया. इसमें आज की युवा पीढ़ी को समझाया गया कि आप किसी भी पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे हों लेकिन साहित्य का आपकी जिंदगी में अलग ही महत्व है. कविताएं लोगों के जीवन पर प्रभाव डालती हैं कहा भी जाता है कि साहित्य समाज का आईना है.

कविता-संगम.

कविता अभियान के तहत कविताओं के जरिए युवा पीढ़ी में चेतना व मानवीय दायित्व बोध जागृत करने के लिए आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में एकल काव्य पाठ का आयोजन किया गया. जिसमे मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि प्रोफेसर जगदीश खरे ने अपनी चुनिंदा कविताएं सुनाकर छात्राओं को बदलते जमाने की सीख दी. इस दौरान छात्राओं और शिक्षिकाओं ने भी कविताएं प्रस्तुत की.

प्रोफेसर खरे ने इस दौरान अपनी कई कविताएं प्रस्तुत की इनमें रोजी-रोटी बनाम हथियार, बकरी की वेदना, अब वह गांव कहां, बदलते पिता. इस दौरान बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के डॉ सीपी पैन्यूली ने कहा कि कविताएं मां की लोरी की तरह होती हैं, जो हमें दुख और अकेलेपन में साहस व संबल प्रदान करती हैं.

इससे पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रथम और द्वितीय इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के तीसरे दिन की शुरुआत योगा से की गयी. इसके बाद मलिन बस्ती इंदिरा नगर और सिद्धेश्वर नगर में घर-घर जाकर जल संरक्षण, स्वच्छता और साक्षरता के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक किया.

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