गोंडा: जिले में आजादी के 70 साल बाद भी एक गांव ऐसा है, जहां के लोग अभी भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. लिहाजा ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो वह लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे.
जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चौरीहर्षो पट्टी के मजरा एकमा गांव की आबादी करीब 2500 के आस-पास है. ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में जनप्रतिनिधियों के झूठे वादों से परेशान होकर लोगों ने पंचायत में इस बार मतदान न करने का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय गांव के मुख्य मार्ग पर ढाई से तीन फीट तक जलभराव हो जाता है. जिससे लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है.गांव वालों का कहना है कि गांव में न तो शौचालय है और न ही उन्हें शासन की तरफ से राशन दिया जाता है, लिहाजा वह इस बार मतदान नहीं नहीं करेंगे.
राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी नेता लोगों को घर-घर जाकर वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद कोई मुंह तक दिखाने नहीं आता. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से लेकर सीएम और पीएम से की है, लेकिन हर बार उन्हें निराश होना पड़ा.