चित्रकूट : जब आदमी के पास रोजगार नहीं हो और नौबत भूखों मरने की आ जाए तब वह कुछ भी करने के लिये तैयार हो जाता है. आज हम आपको जिस सच्चाई से रूबरू करवाने जा रहे हैं वो बेहद ही चौंकाने वाली है. हैरान कर देने वाली यह हकीकत चित्रकूट से सामने आई है.
भूख और बेरोजगारी लोगों को बना रही किन्नर - trasegenders-are-increasing due to unemployment
जब आदमी के पास रोजगार न हो और नौबत भूखों मरने की आ जाए, तब वह कुछ भी करने के लिये तैयार हो जाता है. इसकी बानगी चित्रकूट से सामने आई है, जहां भुखमरी और बेरोजगारी के चलते कुछ लोग किन्नर बन चुके हैं.
किन्नर उषा ने बताया कि भुखमरी और बेरोजगारी के चलते वह किन्नर बन गई है. कुछ काम न होने की वजह से उसने इस रास्ते को अपना लिया है. बता दें कि दो वक्त की रोटी और परिवार को पालने की जरुरत ने उषा को आज यहां तक पहुंचा दिया है. उषा पहले किन्नर नहीं थी, लेकिन अब वह किन्नर उषा हो चुकी है. उषा का कहना है कि बेरोजगारी और मजबूरी की वजह से उसने यह रास्ता चुना...दरअसल आम लोग भी डॉक्टर के पास जाकर अपना लिंग परिवर्तन करा लेते हैं. इसके लिये वह बाकायदा मोटी रकम भी चुकाते हैं. उषा, मनचली, गोमती, पलक जैसे दर्जनों ऐसे उदाहरण हैं. ये मध्य प्रदेश के ग्वालियर और बिहार में जाकर 30-35 हजार रुपयों में ऑपरेशन करवाकर किन्नर बन चुके हैं.
उषा ने बताया कि मेरे जैसे कई और किन्नर है, जो मोटी रकम देकर बिहार और मध्य प्रदेश के ग्वालियर से ऑपरेशन कराकर किन्नर के धंधे में उतर गए हैं. उसने कहा कि ऐसी महंगाई और बेरोजगारी में अपने बच्चे को पालना था, यही काम आसान था तो मैंने किन्नर बनने का निर्णय ले लिया.
यह तस्वीर हैरान करने के साथ-साथ परेशान भी करती है. दो वक्त की रोटी के लिये लोग किन्नर बन रहे हैं. तस्वीरें हालात बयां कर रही हैं जो कि काफी गंभीर है.