अलीगढ़ :हाजी जमीर उल्ला खान मुस्लिम समाज में एक बड़े नेता की हैसियत रखते हैं. समाजवादी पार्टी से अलीगढ़ में दो बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन अखिलेश यादव से नहीं बनी और टिकट न मिलने पर बागी हो गए थे. बाद में बसपा और कांग्रेस में भी शामिल हुए.
मीडिया से बात करते हाजी जमीर उल्ला खान. मुसलमानों को मोदी में दिखा मां का रूप
हाजी जमीर उल्ला खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुसलमान मोदी जी को पसंद करने लगा है. उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास नारे पर भरोसा भी जताया है. उन्होंने कहा "जैसे एक खोया हुआ बच्चा अपनी मां की तलाश करता है, ठीक उसी तरह से प्रधानमंत्री मोदी में मुसलमानों को मां का रूप नजर आ रहा है. जो मुसलमानों से प्यार से बात करेगा, वही उसके साथ रहेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी जी जो काम कर रहे हैं उसका मुसलमानों पर असर पड़ रहा है.'
मायावती का बयान सियासी
अलीगढ़ में सपा के दो बार के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा कि मायावती का बयान सियासी है. वह चाहतीं हैं कि मुसलमानों का वोट सपा से दूर हो जाए. उन्होंने कहा कि सपा और बसपा के गठबंधन से बसपा को फायदा हुआ है, जबकि सपा को नुकसान. जमीर उल्लाह खान ने कहा कि मायावती ने वोट भी ले लिये, नोट भी ले लिये और 10 सांसद भी ले लिए और अखिलेश यादव सिर्फ देखते ही रह गए. कुछ कह भी नहीं पा रहे हैं.
किसानों और गरीबों के मसीहा थे मुलायम सिंह
- जमीर उल्ला खान ने कहा कि समाजवादी पार्टी की आज की राजनीति में बड़ा अंतर है.
- मुलायम सिंह किसानों और गरीबों के मसीहा थे.
- मुलायम सिंह राजनीति के बडे़ खिलाड़ी हैं, लेकिन अखिलेश यादव ने गठबंधन को लेकर पिता की सलाह नहीं मानी.
- गठबंधन में अखिलेश यादव ठगे गए, जबकि मायावती ने समाजवादी पार्टी की लीडिंग सीट को ले लिया और फायदे में रहीं.
- उन्होंने कहा कि सपा को वहां से लोकसभा की सीटें दी गईं, जहां से कभी समाजवादी पार्टी जीती ही नहीं थी.
- उन्होंने कहा कि साइंस के प्रयोग फेल होते हैं, लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव का मशवरा लिया होता तो प्रयोग फेल नहीं होता.
- उन्होंने कहा कि जनता के बीच में अपनी छवि को लेकर जाना चाहिए, न कि गठबंधन से राजनीति करनी चाहिए.
- जमीर उल्ला खान ने कहा कि सियासत अपने बलबूते पर करनी चाहिए और मुलायम सिंह यादव संघर्ष करके शिखर पर पहुंचे हैं.