बाराबंकी : रमजान की इस महिने में हर जगह इफ्तार चल रहा है. ऐसे में बाराबंकी जिला भी अछूता नहीं है. दिन भर रोजा रखने वाले मुसलमान शाम को इफ्तार के दौरान कुछ ऐसी चीजों का सेवन करते हैं, जिससे उनके शरीर में हुई दिनभर की ग्लूकोज की कमी को पूरा किया जा सके. इसके लिए उन्हें सबसे ज्यादा फायदेमंद शीरमाल की नान रोटी लगती है. इससे वो अपना रोजा इफ्तारते हैं.
रोजदारों को खूब भाती हैं शीरमाल, जानें क्या है वजह - सीरमाल नान रोटी रोजेदारों की पहली पसंद
रमजान के महीने के बस कुछ दिन और बाकी हैं, लेकिन शाम को बाजारों में इफ्तारी की जो रौनक है, वह देखते बनती है. रोजदार दिनभर के ग्लूकोज की कमी को पूरा करने के लिए सबसे ज्यादा शीरमाल की नान रोटी पसंद करते हैं.
रोजेदारों की इफ्तारी में पहली पंसद शीरमाल की नान रोटी
रोजेदारों की इफ्तारी में पहली पंसद शीरमाल की नान रोटी.
- रमजान महीने के अब 8 दिन शेष रह गए हैं.
- इस बार रमजान महीना भीषण गर्मी के दौरान बीता.
- रोजा रखने वाले रोजेदारों को काफी मशक्कत भी झेलनी पड़ी.
- रमजान महीने के दौरान सबसे ज्यादा मांग कबाब की होती है.
- इसे लोग नान रोटी और शीरमाल के साथ बड़े चाव से खाते हैं.
- खजूर, कबाब और शाही टुकड़ा रोजा इफ्तार के लिए काफी पसंद किया जाता है.
मोहम्मद अफजाल का कहना है कि
- वह बड़ी शिद्दत से शीरमाल को बनाते हैं.
- इसे मैदा, चीनी, घी, दूध और नमक से बनाते है.
- शीरमाल में पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोस मिलता है, जो दिन भर की थकान को दूर कर देता है.