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अगर शिवसेना ने बनाया राम मंदिर तो मुसलमान करेंगे बाबरी मस्जिद का रुखः मुस्लिम लीग

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Published : Jun 16, 2019, 8:54 PM IST

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने राजधानी में शिवसेना के विरोध में प्रदर्शन किया. शिवसेना के राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या कूच के खिलाफ लीग ने 'शिवसेना गो बैक' के पोस्टर लहराये और कहा कि अयोध्या कूच न टलने की सूरत में मुसलमान बाबरी मस्जिद के लिए जाएंगे.

मुस्लिम लीग ने किया शिवसेना का विरोध.

लखनऊ:राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना के अयोध्या कूच के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया. लीग कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और शिवसेना के विरोध में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लीग के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर शिवसेना अयोध्या कूच नहीं टालती है तो देश के मुसलमान भी बाबरी मस्जिद का रुख करेंगे.

मुस्लिम लीग ने किया शिवसेना का विरोध.
लीग के विरोध प्रदर्शन की बुनियाद क्या है !
  • लीग का कहना है कि अयोध्या मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है. इसके बावजूद शिवसेना का राम मंदिर निर्माण के उद्देशय के साथ अयोध्या जाना कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है.
  • लीग की ओर से प्रमुख गृह सचिव को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि अयोध्या शांति की नगरी है, वहां शांति भंग करने वाले लोगों को जाने से रोकना चाहिए.
  • लीग की दलील है कि जिस प्रकार शिवसैनिक राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं क्या मुस्लिम लीग या देश के मुसलमानों को वहां जाने दिया जाएगा.
  • लीग के मुताबिक मामले के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट में पैनल बना हुआ है. साथ ही मध्यस्था की बात भी चल रही है. ऐसे में किसी संगठन का वहां जाना न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है.
  • लीग ने सरकार से मांग की है कि ऐसे संगठनों पर लगाम लगाई जाए.

शिवसेना का यह कदम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के उद्देशय के साथ जाना धार्मिक भावनाओं को बिगाड़ने की कोशिश है. अगर शिवसेना अयोध्या पहुंचती है तो मुस्लिम लीग और मुल्क के मुसलमान भी बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या का रुख करेंगे.
- मोहम्मद मतीन खान, प्रदेश अध्यक्ष- इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग

बता दें कि विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य के साथ शिवसैनिक अयोध्या कूच कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले भी शिवसेना ऐसा कर चुकी है लेकिन एक बार फिर अयोध्या कूच कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है. वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट से बाहर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पक्षकारों के साथ मध्यस्थता कमेटी मुलाकात कर हल निकालने में जुटी है.

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