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सीसीटीवी कैमरे और वॉइस रिकॉर्डिंग के खौफ से 50,000 से अधिक परीक्षार्थी हुए कम - इंटरमीडिएट

बलिया जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से निर्गत होने वाली परीक्षा की समस्त सामग्री वितरण के लिए लगभग तैयार हो चुकी हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्रा के अनुसार नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर इस बार जिले में सीसी टीवी कैमरे के साथ साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी व्यवस्था की जा रही है.

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Published : Feb 2, 2019, 5:48 AM IST



बलिया: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं के परीक्षा 7 फरवरी से शुरू हो रहे हैं. जिसको लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली है . नकल विहीन परीक्षा कराने का दावा भी कर रही है. बलिया में भी 2019 की बोर्ड परीक्षा को लेकर लगभग सारी तैयारियां पूरी हो गई है. इस बार सीसीटीवी कैमरे के साथ साथ वॉइस रिकॉर्डिंग युक्त कमरों में ही परीक्षार्थी बोर्ड की परीक्षा देंगे.

बलिया जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय


पूर्वी उत्तर प्रदेश में बलिया नकल को लेकर हमेशा से ही सुर्खियों में रहा है. पिछले कई वर्षों में लगातार नकल माफिया बोर्ड की परीक्षाओं में हावी हुआ करते थे,लेकिन योगी सरकार के आने के बाद से ही नकल माफियाओं की जैसी कमर ही टूट गई है.

बलिया में 2019 की बोर्ड की परीक्षा में कुल 171586 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं परीक्षा में सम्मिलित होंगे, जिसके लिए जिले में 234 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. इतना ही नहीं इन परीक्षा केंद्रों में 48 संवेदनशील परीक्षा केंद्र है जबकि 24 अति संवेदनशील.

बलिया जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से निर्गत होने वाली परीक्षा की समस्त सामग्री वितरण के लिए लगभग तैयार हो चुकी हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक भास्कर मिश्रा के अनुसार नकल विहीन परीक्षा कराने को लेकर इस बार जिले में सीसी टीवी कैमरे के साथ साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. जिससे नकल कराने की सारे रास्तों पर रोक लग सके।इतना ही नहीं जिले को 6 जोन और 29 सेक्टर में विभाजित किया गया है. जबकि 6 उड़न दस्ते की टीम पूरे परीक्षा के दौरान जनपद के दौरे पर रहेगी साथ ही अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति भी की जा रही है.

बाइट---भास्कर मिश्रा----जिला विद्यालय निरीक्षक


सबसे आश्चर्य की बात है की योगी सरकार के कार्यकाल का यह दूसरा बोर्ड परीक्षा है जिसमें वर्ष 2018 की तुलना में लगभग 51000 छात्र-छात्राए हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा कम शामिल हो रहे है. ऐसा माना जा रहा है कि सीसीटीवी कैमरे की निगरानी और जिला प्रशासन द्वारा की जा रही शक्ति के कारण नकल माफियाओं के हौसले पस्त है,जिस कारण इतनी बड़ी मात्रा में छात्र छात्राओं की संख्या बोर्ड की परीक्षा में कम हुई है.

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