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किसानों को किया मालामाल खुद बेहाल, कृषि दर्जे की आस में मेंथा

किसानों का हरा सोना कही जाने वाली मेंथा फसल को आज तक न तो कृषि का दर्जा मिला और न ही बागवानी का. इस फसल ने किसानों के जीवन तो बदल ही दिया है साथ ही मेंथा से सरकारों को खासा राजस्व भी मिलता है.

कृषि दर्जे की आस में मेंथा

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Published : Jun 14, 2019, 1:40 PM IST

बाराबंकी: किसानों का हरा सोना कही जाने वाली मेंथा की फसल पिछले कुछ दशकों से बाराबंकी की पहचान बन चुकी है. देश के कुल उत्पादन का 70 फीसदी मेंथा अकेले बाराबंकी में पैदा होता है. इस फसल ने किसानों के जीवन तो बदल ही दिया है साथ ही मेंथा से सरकारों को खासा राजस्व भी मिलता है. मगर हैरानी तब होती है जब मेंथा फसल को आज तक न तो कृषि का दर्जा मिला और न ही बागवानी का.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा उत्पादक और निर्यातक देश है. इसे जापानी पुदीना के नाम से भी जाना जाता है. विश्व में मेंथा आयल का कुल उत्पादन करीब 16 हजार टन है और उसमें अकेले भारत की भागीदारी करीब 75 फीसदी है. खास बात ये कि इस उत्पादन में अकेले बाराबंकी का हिस्सा 70 फीसदी है. बाराबंकी और आसपास के किसान करीब तीन दशकों से मेंथा की खेती कर रहे हैं और बाराबंकी में करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में ये खेती की जाती है. करीब तीन लाख किसान मेंथा की खेती कर खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं. जिले में मेंथा आयल का चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना निर्यात होता है. इससे सरकार को हर वर्ष खासा राजस्व मिलता है.

कृषि दर्जे की आस में मेंथा

मेंथा को अन्य फसलों की तुलना में पांच से छ: गुना ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है मगर इसकी उपज के समय नहरों में पानी की आपूर्ति का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में किसान निजी पंपिंग सेट से फसल की सिंचाई को मजबूर होते हैं. यही नहीं मेंथा पेराई के लिए किसानों को टँकी का प्रबंध करना होता है जिस पर उन्हें कोई सरकारी सुविधा नहीं मिलती. किसानों ने कई बार अपनी समस्याओं को लेकर मांग उठाई है लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस फसल को आज तक न तो कृषि का दर्जा मिल सका है और न ही बागवानी का. जिससे किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती. किसानों को न तो कृषि बीमा योजना का लाभ मिल पा रहा और न ही किसी भी प्रकार की कोई सब्सिडी.


कृषि विभाग के अधिकारी मानते हैं कि मेंथा को कृषि का दर्जा न मिलने से किसानों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही. जबकि किसान मेंथा को कृषि का दर्जा दिए जाने को लेकर काफी अर्से से मांग कर रहे हैं. वहीं इस बात को लेकर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि उनकी सरकार और भारत सरकार इसको लेकर गम्भीर है.

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