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चंदौली: महेंद्र नाथ पाण्डेय चुनाव जीतकर भी अपने गोद लिए आदर्श गांव में हार गए - सांसद आदर्श ग्राम योजना

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे कई मायनों में खास रहे. सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी की है. पिछले पचास साल में यह पहला मौका है जब किसी सत्ताधारी दल को लगातार दो बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है. इन चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत की आंधी में विपक्षी दल एकदम बेबस नजर आए.

महेंद्रनाथ पांडे को खुद के गोद लिए गांव में करना पड़ा हार का सामना.

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Published : May 26, 2019, 5:58 AM IST

चंदौली: भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से पूर्व तैयारियों के मद्देनजर 'अपना बूथ सबसे मजबूत' का नारा दिया. बूथ मैनेजमेंट के लिए वरिष्ठ नेताओं ने पन्ना प्रभारी, बूथ प्रभारी, सेक्टर प्रभारी नियुक्त किये लेकिन चंदौली जिले के वरिष्ठ नेता अपना बूथ हार गए. पार्टी के मौजूदा व पूर्व जिलाध्यक्ष, विधायक सुशील सिंह, पूर्व सांसद रामकिशन यादव अपना बूथ हार गए. यही नहीं यूपी बीजेपी अध्यक्ष और स्थानीय सांसद के गोद लिए गांव जरखोर में भी हार का सामना करना पड़ा.

महेंद्रनाथ पांडे को खुद के गोद लिए गांव में करना पड़ा हार का सामना.

अपने ही गोद लिए गांव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का कुछ ऐसा रहा हाल:

  • 16 वीं लोकसभा के गठन के दौरान पीएम मोदी ने प्रत्येक सांसद को एक गांव गोद लेने की अपील की थी.
  • इस पहल को सांसद आदर्श ग्राम योजना का नाम दिया गया.
  • योजना के तहत गोद लिए गांव को आदर्श बनाना था.
  • बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संसदीय क्षेत्र के जरखोर गांव को गोद लिया था.
  • महेंद्र नाथ ने गांव के विकास के लिए करोड़ों रूपये की परियोजनाओं की सौगात दी थी.
  • हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में महेंद्र नाथ को इस गांव में सपा प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था.
  • सपा प्रत्याशी डॉ. संजय चौहान गांववासियों की पहली पंसद रहे.
  • गांव के कुल दो बूथों पर सपा उम्मीदवार को 668, जबकि महेंद्र नाथ पांडे को महज 660 वोट मिले.

अन्य दिग्गजों की कैसी रही स्थिति

  • सैयदराजा से विधायक सुशील सिंह सकलडीहा के ताजपुर गांव में भी दो बूथ थे.
  • बूथ संख्या 85 पर भाजपा को महज 44 जबकि सपा को 355 मत प्राप्त हुए.
  • बूथ संख्या 86 पर भाजपा को 111 तो वहीं सपा को 294 वोट हासिल हुए.
  • इसी प्रकार भाजपा जिलाध्यक्ष सर्वेश कुशवाहा भी अपना बूथ हार गए.
  • जिलाध्यक्ष के गांव कैथी में बूथ संख्या 37 पर भाजपा को मात्र 216 मत प्राप्त हुए, जबकि गठबंधन को 427 मत मिले.
  • वहीं लोकसभा चंदौली के चुनाव प्रभारी अनिल सिंह के पैतृक गांव चहनियां के सरफुद्दीनपुर में भी भाजपा को शिकस्त मिली.
  • बूथ संख्या 21 पर कुल 516 वोट में से मात्र 159 वोट ही भाजपा को मिले, जबकि सपा को 342 मत प्राप्त हुए.
  • भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राणा सिंह अपने पैतृक गांव डबरिया में भी यही स्थिति रही.
  • उनके बूथ पर कुल 424 वोट डाले गए, जिसमें से मात्र भाजपा को 172 और सपा को 240 मत मिले.

ऐसा नहीं है कि जिले में अपना बूथ हारने वाले दिग्गज नेताओं में सिर्फ बीजेपी नेता ही हैं. सपा के दिग्गज भी अपना बूथ नहीं बचा सके. सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर अपने गांव पर बूथ हार गए. बूथ संख्या 294 पर कुल 763 मतदाताओं ने मत डाले. इसमें सपा को सिर्फ 261 मत ही मिले, जबकि विपक्षी भाजपा को 438 मत प्राप्त हुए. वहीं पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के गांव बौरी में एक बूथ पर सपा प्रत्याशी को मुंह की खानी पड़ी. यहां बूथ संख्या 241 पर कुल पड़े 752 मतों में से 463 भाजपा तो 249 मत सपा के खाते में गए.

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