उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

विश्वशांति के लिए काफी दिनों से खड़े होकर तप कर रहे हैं महंत

प्राचीन काल के ऋृषि-मुनि जंगलो में तप करके विश्व शांति के लिए दुआ करते थे. लेकिन आज के समय में भी बुंदेलखंड के महोबा जिले से ऐसा देखने को मिल रहा है. जहां रामलला मंदिर के महंत विश्व शांति के लिए खड़े रहकर, अन्न-त्याग करके काफी दिनों से तप कर रहे हैं.

विश्वशांति के लिए खड़े रहकर तप कर रहे महंत

By

Published : Mar 24, 2019, 6:30 PM IST

महोबा : जिले के प्रसिद्ध रामलला मंदिर में विश्वशांति के लिए महंत दयाल गिरी ने 41 दिन तक खड़े रहकर पूूजा-अर्चना करने का प्रण लिया है. महंत ने इस मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए अन्न का भी त्याग कर दिया है. महंत की इस पहल का लोगों को भरपूर समर्थन मिल रहा है.

सीमा पर खराब माहौल और युद्ध की संभावना को देखते हुए रामलला मंदिर के महंत श्री दयालगिरि महाराज ने अन्न त्यागकर 41 दिन तक खड़े रहकर विश्वशांति स्थापित करने के लिए व्रत धारण किया है. 41 दिन तक बिना अन्न ग्रहण किए पेड़ के सहारे खड़े होकर तप करने का महाराज के निर्णय को लोग कठिन तप मान रहे हैं. स्थानीय लोग दिन-रात मंदिर पहुंचकर महंत की इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं.

विश्वशांति के लिए खड़े रहकर तप कर रहे महंत

कुलपहाड़ तहसील के रामलला मंदिर के महंत दयाल गिरी महाराज ने विश्व में फैल रही अशांति और द्वेषपूर्ण भावना से चिंतित होकर शिवरात्रि से रामनवमी तक के लिए अन्न त्याग खड़े रहकर तप शुरू किया है. महंत के तप में स्थानीय लोग भरपूर्ण सहयोग दे रहे है. लोग महंत को फल -फूल सहित व्रत का फलाहार देकर अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि देश और समाज में हो रही अशांति को लेकर महंत जी ने विश्व शांति के लिए यह कदम उठाया है ताकि देश और समाज में शांति रहे आपस में भाई-चारा बना रहे.

विश्वशांति के लिए खड़े रहकर तप कर रहे महंत

वहीं तप कर रहे श्री दयालगिरि महाराज ने बताया कि सीमा पर आतंकवाद फैला हुआ है. समाज में भाई -भाई का दुश्मन बना हुआ है. इसलिए यह तप रखा गया है ताकि देश व समाज में भाईचारा बना रहे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details