लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पुलिस महकमे से जुड़ा हुआ एक बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट नेअखिलेश सरकार के दौरानआउट ऑफ टर्न प्रोन्नति को अधिक महत्व देकर बनी वरिष्ठता सूची खारिजकरते हुएइससे सम्बंधित दो शासनादेशों को भी निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने नियमित प्रोन्नति और आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति पाने वालों को दो भिन्न वर्ग बताते हुए, आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति पाने वाले इंस्पेक्टरों कोवरिष्ठता प्रदान करने वाले23जुलाई2015और990नॉन गैज्टेड पुलिस अधिकारियों को वन टाइम सीनियॉरिटी प्रदान करने संबधी27जुलाई2015के शासनादेश को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही न्यायालय ने24फरवरी2016को बनायी गयी वरिष्ठता सूची को भी निरस्त कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल सदस्यीय पीठ ने महंत यादव व कुछ अन्य इंस्पेक्टरों की ओर से दायर अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है.अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि नियमित प्रोन्नति के जरिए अपने कैडर में इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्ति पाए याचीगण, आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति पाए इंस्पेक्टरों से वरिष्ठ थे.न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आउट ऑफ टर्न प्रोन्नति पाए इंस्पेक्टर कैडर के नियमित पदों पर नियुक्त इंस्पेक्टरों से खुद को वरिष्ठ नहीं कह सकते हैं.