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उत्तर प्रदेश में टिड्डी दल की दस्तक, प्रशासन अलर्ट - locust attack in varanasi

उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच टिड्डी दल का नया खौफ पैदा हो गया है. इसको लेकर प्रत्येक जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. हवा के साथ बढ़ने वाला टिड्डी दल रास्ते में पड़ने वाले सभी हरी फसलों को चट करता जा रहा है.

LUCKNOW NEWS
टिड्डी दल के आने की दस्तक

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Published : May 29, 2020, 6:02 PM IST

अयोध्या: वैश्विक महामारी कोरोना का कहर जारी है. वहीं अब पाकिस्तान की ओर से आ रहा टिड्डी दल किसानों के लिए आफत बन रहा है. ऐसे में किसानों को आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने टिड्डी दल के आक्रमण से अपनी फसलों के बचाने के सुझाव दिए हैं. पाकिस्तान की ओर से आने वाला टिड्डी दल राजस्थान और मध्य प्रदेश के रास्ते उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके तक पहुंच चुका है.

कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर एपी राव का कहना है कि किसानों को टिड्डी दल से होने वाली फसलों को नुकसान से बचाने के लिए खेतों में तेज आवाज करनी चाहिए. इसके लिए टिन के डिब्बे या फिर थाली भी बजाई जा सकती है. खेत में हल्ला करने से भी टिड्डियों के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है. किसानों को क्लोरोपायरीफास या फिर लैम्डा सिहलोथ्रिन (lambda-cyhalothrin) को पानी में घोलकर फसलों पर छिड़काव करना चाहिए.

मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में टिड्डी दल की दस्तक की सूचना

बांदाः जिले की सीमा से जुड़े मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में टिड्डी दल के आने की सूचना से जिले में हड़कम्प मचा हुआ है. इसको लेकर अब प्रशासन भी अलर्ट पर है. मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में इस टिड्डी दल से बचाव के लिए टीम बनाई गई है. जिस जिले में टिड्डी दल के आने की संभावना है, वहां पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों, पानी के टैंकरों की व्यवस्था करने के साथ साउंड, डीजे, ढोल नगाड़े आदि की भी व्यवस्था की गई है. जिससे टिड्डी दल आने पर उससे निपटा जा सके.

डीजे सिस्टम से टिड्डी दल को भगाने का प्रयास

झांसीः लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से प्रशासनिक अमला गांव के लोगों के साथ घूम-घूमकर डीजे बजाने में जुटा है. यह डीजे सिस्टम टिड्डी दल को भगाने के लिए लगाया गया है. डीजे की धुन पर टिंकू जिया से लेकर पंजाबी और भोजपुरी तक के गाने बजाए जा रहे हैं. मऊरानीपुर, बबीना और अन्य क्षेत्रों में इस तरह के डीजे सिस्टम लगाए गए हैं, जो टिड्डी की उपस्थिति वाले जगह पर पहुंचकर तेज आवाज में बजाए जाते हैं. 22 मई से झांसी में टिड्डी दल सक्रिय हैं.

कृषि विभाग के मुताबिक जनपद में अब तक टिड्डी के तीन अलग-अलग दल पहुंचे हैं. इनकी अनुमानित संख्या लगभग दो करोड़ मानी जा रही है. अब तक केमिकल छिड़काव कर लगभग 70 से 80 लाख टिड्डी मारे गए हैं, लेकिन जनपद के अलग-अलग हिस्सों में टिड्डों की सक्रियता अभी भी बनी हुई है. कृषि विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को बबीना क्षेत्र में इन टिड्डों के सक्रिय होने की सूचना निगरानी टीमों को मिली. कृषि विभाग के अफसर भी क्षेत्र में पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद किया. गांव के लोगों को अलर्ट रहने और सूचना देने को कहा गया है.

विभिन्न ब्लॉकों को दिशा निर्देश जारी

वाराणसीः जिलाधिकारी ने टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए विभिन्न ब्लॉकों को दिशा निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द टिड्डी से निपटने की सारी प्रक्रिया पूरी कर लें. ताकि जब भी टिड्डी दल का हमला हो तो, किसानों को कम से कम नुकसान का सामना करना पड़े. किसानों का मानना है कि पेड़ों पर आम अभी लगे हुए हैं. अगर इन टिड्डी दल का अभी हमला जारी रहा तो, काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. खंड विकास अधिकारी रामकृपाल द्विवेदी का कहना है कि हम लोग पहले से तैयारियां कर रहे हैं. यही नहीं पहले सोनभद्र उसके बाद मिर्जापुर तक टिड्डियों के पहुंच जाने के बाद वाराणसी जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. सफाई कर्मी दवा का छिड़काव गांव-गांव जाकर खेतों में करे रहे हैं, ताकि फसलों को नुकसान ना पहुंचे.

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