लखनऊ: अगर आप अपने सपनों के घर का सपना लखनऊ विकास प्राधिकरण के भरोसे देख रहे हैं और आप एलडीए का फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आप सावधान हो जाएं. क्या पता पूरा पैसे देने और रजिस्ट्री होने के बावजूद भी आपको आपका फ्लैट रहने के लिए न मिले. आपको लग रहा होगा कि एक सरकारी संस्था ऐसा कैसे कर सकती है, लेकिन ऐसा हो रहा है आवंटी लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की लड़ाई में पिस रहा है.
पैसा नहीं देना चाहता है एलडीए
लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे का आरोप है कि मेंटिनेंस का पैसा आरडब्ल्यूए को न देना पड़े, इसको लेकर अनधिकृत तरीके से एलडीए आरडब्ल्यूए पर दबाव बनाकर आवंटी और आरडब्ल्यूए दोनों को उलझा रहा है. आज भी आवंटियों से रजिस्ट्री के समय खुद 3 साल का मेंटिनेंस एलडीए द्वारा लिया जा रहा है, जबकि अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए बनने के बाद ऐसा नहीं किया जा सकता है.
एलडीए ने लिया पैसा
गोमती नगर विस्तार के अपार्टमेंट ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक 901 नम्बर का फ्लैट अजय मणि के नाम से पिछले वर्ष 28 सितंबर को लॉटरी के माध्यम से आवंटित हुआ था. फ्लैट की रजिस्ट्री पिछले दिनों 17 फरवरी 2021 को एलडीए द्वारा की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अजय मणि से सभी देय के साथ-साथ 3 साल का मेंटिनेंस 47,330.00 रुपये भी एलडीए के खाते में जमा करा लिया. ग्रीनवुड आई जे ब्लॉक का आरडब्ल्यूए 28 फरवरी 2018 को ही बन गया था और मेंटिनेंस सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है. ऐसे हालात में एलडीए आवंटी से मेंटिनेंस नहीं ले सकता, बल्कि मेंटिनेंस आवंटी आरडब्ल्यूए में जमा कराकर उसकी रशीद एलडीए को उपलब्ध कराएगा. ऐसी व्यवस्था खुद के एलडीए के प्राविधान में हैं.
आरडब्ल्यूए और आवंटियों के बीच तनाव