लखनऊ: बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में प्राचीन और आधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया. इस प्रयोगशाला का उद्घाटन पुणे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और बीरबल साहनी पुरातत्व विज्ञान संस्थान के चेयरमैन प्रोफेसर नितिन आर कर्मलकर ने किया. इस अवसर पर बीएसआईपी के निदेशक डॉक्टर मुकुंद शर्मा, डीएनए लैब के इंचार्ज डॉ नीरज राय समेत कई अन्य वैज्ञानिक और शोधकर्ता उपस्थित रहे.
लखनऊ: इस डीएनए लैब में सिर्फ 48 घंटे में होगी पुरातत्वों की पहचान - lucknow news
बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में प्राचीन और आधुनिक विद्यालय प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया. इस प्रयोगशाला का मकसद जीवाश्म और पुरातत्व की संरचना और उनके डीएनए स्ट्रक्चर को पहचानना है.
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इस मौके पर चेयरमैन नितिन करमालकर ने कहा कि यह एशिया की पहली ऐसी प्रयोगशाला होगी जिसमें आधुनिक मशीनों से महज 48 घंटों के भीतर ही किसी भी डीएनए सैंपल का परिणाम निकाला जा सकता है. अमूमन फॉरेंसिक लैब में भी डीएनए सैंपल के परिणाम आने में काफी दिन लगते हैं.
प्राचीन और आधुनिक प्रयोगशालाओं के इंचार्ज और वैज्ञानिक डॉ नीरज राय ने कहा कि मॉडर्न डीएनए लैब में हम लोग आधुनिक जीवन और वनस्पतियों के डीएनए पर शोध करेंगे. इस लैब में हम लोग उन जीवाश्म पर काम करेंगे जो आज के परिपेक्ष में जीवित नहीं है या उनके जीवन के अंश मिलते हैं. बहुत सारे ऐसे फॉरेंसिक केस होते हैं, जिनमें डीएनए का मिलना मुश्किल होता है. ऐसे में उनकी जली हुई हड्डी के सैंपल्स का डीएनए प्रोफाइल जेनरेट करके हम नए परिणाम और नए शोध कर सकते हैं.