कानपुर: आईआईटी कानपुर के छात्रों ने एक ऐसी मानवरहित पनडुब्बी बनाई है. जिससे ना सिर्फ समुद्रों में रेस्क्यू के लिए कारगर साबित होगी. बल्कि जल के अंदर ही दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर देगी. इस मानव रहित पनडुब्बी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के शोध को प्रथम स्थान मिला है.
कानपुर: आईआईटी के छात्रों ने बनाई 'अनाहिता', अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हुआ सबमरीन 'अनाहिता' का चयन
कानपुर आईआईटी के छात्रों ने एक ऐसी मानवरहित पनडुब्बी तैयार की है, जो ना सिर्फ समुद्रों में रेस्क्यू के लिए कारगर साबित होगी बल्कि जल के अंदर ही दुश्मनों को नेस्तनाबूद भी कर देगी.
इस पन्नडुब्बी की खास बात यह है कि इसे चलाने के लिए किसी कैप्टन की जरूरत नहीं पड़ेगी. छात्रों ने इस ऑटोनॉमस अंडर वाटर व्हीकल को अनाहिता नाम दिया है. अनाहिता का मतलब होता है गोडेस ऑफ़ वाटर अर्थात जल की देवी. इस जहाज को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसियन टेक्नोलॉजी की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान मिला है. आईआईटीयंस ने तैयार अनीता का प्रयोग इंडियन नेवी में भी किया जा सकता है.
छात्रों के अनुसार यह समुंद्री जहाज पानी के अंदर करीब 5 से 10 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी ऑब्जेक्ट को पहचान सकेगा और जरूरत पड़ने पर उस पर गोलियां बम और मिसाइल से हमला भी कर सकेगा. जल्द ही इसका पूरा विवरण नेवी को भेजेंगे. फिलहाल 7 मार्च में सिंगापुर में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे हैं. अनाहिता का चयन इस प्रतियोगिता के लिए भी हुआ है. इस प्रतियोगिता में दुनिया भर की 40 टीमें शिरकत करेंगी.