उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

...यह औरैया जिला अस्पताल है, यहां इलाज नहीं विभागों में ताला लगा मिलता है

शहर का जिला अस्पताल 100 बेड युक्त है, इसके साथ ही यहां आईसीयू की भी व्यवस्था है. इतनी शानदार सुविधाओं को देखते हुए जनपदवासी बेहतर इलाज की उम्मीद करते हैं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर स्वास्थ्य विभाग ने ताला जड़ा हुआ है.

औरैया जिला अस्पताल.

By

Published : Jun 8, 2019, 12:52 PM IST

औरैया: जनपद के 100 बेड युक्त जिला अस्पताल के हालात बदतर हैं. आईसीयू समेत कई विभागों में ताला लटका हुआ है. इसके चलते इमरजेंसी के मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के चलते ऐसे हालात हैं. इसके लिए शासन को कई बार लिखा जा चुका है लेकिन अब तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है.

औरैया जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते आईसीयू में लगा ताला.

बीमार हालत में 100 शैया जिला अस्पताल
जिले के चिचौली स्थित100 शैया जिला चिकित्सालय में आईसीयू ऑपरेशन थियेटर और नेत्र परीक्षण जैसे अहम विभागों में डॉक्टर नहीं हैं. यहां विभागों के गेट पर ताला लटका रहता है. ऐसे में सड़क दुर्घटना या अन्य आपातकाल मरीजों के लिए इस अस्पताल में उपचार संभव नहीं है. इसके चलते मरीजों को सैफई चिकित्सालय रेफर किया जाता है और कई बार मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. लंबे अर्से से इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया है. मरीज और तीमारदार लगातार इसके लिए मांग उठाते हैं लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिलता है.

शासन बना हुआ है बेसुध
जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सा अधिकारियों की मानें तो इस संबंध में शासन और उच्चाधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग्स में भी कई बार अस्पताल की बदहाल स्थिति के बारे में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन न तो शासन के स्तर से कोई कदम उठाया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग ने कोई संजीदगी दिखाई. ऐसे में मरीजों के पास निराश लौटने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. इस स्थिति में सुधार की उम्मीद बिल्कुल नजर नहीं आती.

जिले में डॉक्टरों की तैनाती नहीं है जिसके चलते इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में कई बार विभाग ने शासन को पत्र लिखकर सूचित भी किया है, लेकिन अब तक निदान नहीं हो पाया है. चिकित्सालय में संपूर्ण संसाधन मौजूद हैं लेकिन बिना डॉक्टरों की तैनाती के यह सब बिना काम के हैं. जब इमरजेंसी केस आते हैं तो मरीजों को सैफई रेफर करना होता है.
- एसके दीक्षित, एसीएमओ

ABOUT THE AUTHOR

...view details