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पीएम मोदी से 'पानी दो या मौत दो' की मांग के बाद अन्न-जल छोड़ेगा हाथरस का यह परिवार - हाथरस में जल संकट

जिले के कई गांव खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीण कई बार विरोध-प्रदर्शन कर इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी इस मांग को तवज्जो नहीं दी. नगला मया के चंद्रपाल ने इससे एक कदम आगे जाकर पानी की समस्या के लिए पत्नी और बच्चों के साथ जिंदगी खत्म करने का फैसला किया है.

पानी की समस्या के समाधान के लिए अन्न-जल छोड़ेगा हाथरस का यह परिवार.

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Published : Jun 27, 2019, 10:44 AM IST

हाथरस: जनपद के मया गांव के एक युवक पर ग्रामीणों को खारे पानी की समस्या से छुटकारा दिलाने का जुनून इस कदर सवार है कि वह अपनी जिंदगी खत्म करने की तैयारी कर चुका है. जिले के अधिकारियों से लेकर प्रधानमंत्री तक से वह गुहार लगा चुका है, लेकिन हर बार उसे निराशा हाथ लगी. अब आखिर में उसने पत्नी और तीन मासूम बेटियों के साथ अन्न-जल का त्याग कर जिंदगी का अंतिम सफर शुरू करने का ऐलान किया है.

पानी की समस्या के समाधान के लिए अन्न-जल छोड़ेगा हाथरस का यह परिवार.

मजबूरन करना पड़ा यह फैसला
नगला मया और उसके आसपास के गांव के लोगों को करीब 3 किलोमीटर से पीने का पानी लाना पड़ता है. नगला मया के चंद्रपाल ने प्रधानमंत्री मोदी को भी पत्र लिखकर अपनी तीन बेटियों के साथ पानी न दे पाने की स्थित में मौत की मांग की थी. जब प्रधानमंत्री की ओर से भी उन्हें निराशा हाथ लगी तो उसका कहना है कि वह पत्नी और तीन बेटियों के साथ अन्न-जल छोड़कर अंतिम सफर की तैयारी करेगा. इस सफर में चंद्रपाल की पत्नी भी उसका साथ दे रही है.

गांव में पीने के पानी की समस्या विकराल है. इंसान तो क्या पशु भी यह पानी पीकर बीमार हो जाते हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद जब इस समस्या का निदान नहीं हुआ, तो मैंने 27 जुलाई से अन्न-जल त्यागने का फैसला किया है.
-चंद्रपाल

चंद्रपाल की ओर से हमें आधिकारिक तौर पर इस अनशन के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. उन्हें वाट्सऐप ग्रुप से उसके अनशन के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन अन्न-जल छोड़ने की सूचना नहीं है. हमने उसके गांव में पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करा दी है. उसकी मांग के आधार पर भी व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं.
-प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी

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