हाथरस:शहर में सिटी स्टेशन के सामने स्थित लगभग 15 साल पुरानी खेतान नेत्र चिकित्सालय का स्वास्थ्य विभाग ने रजिस्ट्रेशन निरस्त करके तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं. कुछ माह पहले बायोमेडिकल बेस्ट खुले में फेंकने वाले अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भेजा था, जिसमें खेतान नेत्र चिकित्सालय भी शामिल था. इस चिकित्सालय में किसी ने भी नोटिस रिसीव नहीं किया. इसके बाद रिकॉर्ड खंगाले गए तो मामले का पर्दाफाश हो गया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नोटिस जारी किया कि अस्पताल में निर्देशों का उल्लंघन किया है. इसके बाबत खेतान नेत्र चिकित्सालय को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए है.
हाथरस में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालय में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
हाथरस के मेंडू रोड पर सिटी स्टेशन के सामने स्थित खेतान नेत्र चिकित्सालय एक ट्रस्ट द्वारा संचालित नेत्र चिकित्सालय है वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस चिकित्सालय का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर चिकित्सालय को बंद करने के आदेश दिए हैं.
लगभग 8 माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने बायोमेडिकल बेस्ट खुले में फेंकने वाले अस्पतालों को नोटिस भेजा था, जिसमें खेतान नेत्र चिकित्सालय भी शामिल था. अस्पताल में किसी ने इस नोटिस को रिसीव नहीं किया इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया और चिकित्सालय के रिकॉर्ड खंगाले गए, जिससे मामले का पर्दाफाश हो गया.
हाथरस में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित चिकित्सालय में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
जिस डॉक्टर के नाम से चिकित्सालय का रजिस्ट्रेशन था. वह 8 माह पहले ही सेवाएं समाप्त करके चला गया. इसके बाद भी अस्पताल उसी के नाम से चल रहा था. इसका नवीनीकरण अप्रैल 2018 में कराया गया था, लेकिन मामले का पता चलते ही जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सालय का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया और चिकित्सालय को नोटिस दिया है कि जल्द ही चिकित्सालय बंद कर दिया जाए.
खेतान नेत्र चिकित्सालय ट्रस्ट के जरिए संचालित होता है. यहां हाथरस ही नहीं अन्य जिलों के मरीज भी आते हैं. 10 मई 2018 को डॉ अजय कुलश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान प्रभारी ने अपनी सेवाएं खत्म करते हुए सीएमओ को प्रार्थना पत्र दे दिया था. डॉक्टर कुलश्रेष्ठ के नाम से ही चिकित्सालय का पंजीकरण था.
खेतान नेत्र चिकित्सालय के सचिव का कहना है कि चिकित्सालय सोसायटी के अधीन संचालित है. जिसमें कई पदाधिकारी हैं. चिकित्सालय के नाम से ही पंजीकरण है. उसी के अंतर्गत पर चिकित्सालय चल रहा है. यदि सीएमओ को कुछ गलत लगता है, तो मैं सीएमओ से बात कर रहा हूं, अगर कोई कमी भी है तो उसको पूर्ण कर लिया जाएगा.
वही जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि चिकित्सालय बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था. मामला संज्ञान में आने पर अब लाइसेंस को निरस्त कर चिकित्सालय को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. चिकित्सालय प्रशासन द्वारा कार्यवाही पत्र न लेने पर अपर पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया गया है. अगर फिर भी चिकित्सालय बंद नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.