लखीमपुर खीरी :कहते हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है नायब तहसीलदार के पद पर तैनात हर्षिता तिवारी ने. बचपन में सिर से पिता का साया उठ गया था, लेकिन बेटी कड़ी मेहनत और जज्बे के दम पर आज डिप्टी एसपी बन गई. वहीं किसान परिवार में जन्मे छोटे से गांव के निवासी मनीष कुमार वर्मा लेखपाल से नायब तहसीलदार बन गए. दोनों का पीसीएस 2016 में चयन हुआ है, लेकिन दोनों कहते हैं यह आखिरी पड़ाव नहीं बल्कि मंजिल अभी और भी है.
हर्षिता तिवारी के पिता बचपन में ही गुजर गए थे. प्रयागराज के मेजा तहसील के छोटे से गांव दिघिया में उनकी मां पर चार बेटियों और एक बेटे की परवरिश का जिम्मा आ गया. घरेलू महिला राकेश ने अपनी बेटियों को तालीम की ताकत से आगे बढ़ाना शुरू किया. चार बहनों और एक भाई ने मेहनत कर परिवार को संभाल लिया. मेरठ से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद हर्षिता ने टाटा कन्सलटेंसी में जॉब शुरू की. इसके बाद कम्पटीशन की तैयारी शुरू कर दी. पहली सफलता राजस्व निरीक्षक पद पर नौकरी से मिली. इसके बाद हर्षिता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दूसरी सफलता सप्लाई इंस्पेक्टर के रूप में मिली. फिर नायब तहसीलदार, समीक्षा अधिकारी और 2016 पीसीएस के रिजल्ट में हर्षिता का यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी पद पर चयन हो गया.