हरदोई: जिले में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति हमेशा से ही दयनीय रही है. हालांकि शासन से शिक्षा विभाग में काम कराने हेतु भरपूर बजट समय-समय पर उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन ये बजट कहां गया इसका कोई पता नहीं. परिणाम स्वरूप इन विद्यालयों की स्थिति जस का तस ही बनी हुई है. आज भी जिले के परिषदीय प्राथमिक और जूनियर विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार कागजों पर काम दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने का काम करने से नहीं थक रहे हैं.
हरदोई: कंपोजिट ग्रांट मिलने के बावजूद नहीं बदल रही सरकारी विद्यालयों की तस्वीर - हरदोई में कंपोजिट ग्रांट
जिले में सरकारी विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. बता दें कि कंपोजिट ग्रांट के तहत विद्यालयों की देख-रेख और मरम्मत आदि के लिए पैसा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद विद्यालयों की स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है.

जिले में सरकारी विद्यालयों की हालत खराब.
जिले में सरकारी विद्यालयों की हालत खराब.
जानें पूरा मामला
- जिले में परिषदीय विद्यालयों के दुरुस्तीकरण, रंगाई-पुताई और बॉउंड्री वॉल आदि को बनवाए जाने के लिए शासन स्तर से कंपोजिट ग्रांट के तहत सरकार की तरफ से धनराशि उपलब्ध कराई गई थी.
- 25 हजार से 1 लाख तक की धनराशि प्रत्येक विद्यालय को उपलब्ध कराई गई थी.
- इसके बावजूद विद्यालयों की स्थिति में कोई भी सुधार नहीं आया है.
- अधिकारी कंपोजिट ग्रांट के तहत विद्यालयों में सुधार किए जाने का दावा कर रहे हैं.
कंपोजिट ग्रांट जिले के विद्यालयों में शत-प्रतिशत काम कराया जा चुका है. इससे विद्यालयों में सुविधाओं में वृद्धि हुई है. विद्यालय आधुनिक साज-सज्जाओं से परिपूर्ण हो चुके हैं.
-हेमंत राव, बीएसए