फतेहपुर: कोरोना महामारी से बचाव के लिए लगभग दो माह से अधिक की देशव्यापी तालाबंदी रही. इस दौरान देश को आर्थिक रूप से तो खासा नुकसान हुआ, लेकिन पर्यावरण की दृष्टि अच्छा लाभ भी हुआ है. फिर चाहे वह वायु प्रदूषण की बात हो या फिर जल प्रदूषण की. अगर हम बात करें जल प्रदूषण की तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'स्वच्छ गंगा अभियान' को एक नया मुकाम मिल गया है. फैक्ट्रियों का खराब पानी गंगा में जाने से रुकने पर गंगा का जल निर्मल हो गया है.
दो महीने में स्वच्छ हुआ नदियों का जल
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गंगा का जल साफ करने के लिए स्वच्छ गंगा अभियान चलाया जा रहा है, इसके लिए करोड़ों रुपये भी खर्च किए गए हैं. किन्तु फैक्ट्रियों का दूषित एवं केमिकल युक्त पानी गंगा में जाने के कारण गंगा को निर्मल बनाने में उतनी सफलता नहीं हासिल हुई थी, जितनी महज दो माह के लॉकडाउन में हो गई. स्थानीय लोगों का भी मानना है कि गंगा का जल पिछले दो माह में अधिक निर्मल व स्वच्छ हुआ है. इसके चलते जलीय जीवों की जीवन पर भी असर हुआ है.