उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

कुंभ 2019: मेले की रौनक बरकरार, अक्षयवट दर्शन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु - TRIVENI

कुंभ में न केवल भारतीय श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु भी आए हैं. जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ को समझना और इसमें गोते लगाना चाहते हैं.

अक्षयवट दर्शन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु

By

Published : Feb 28, 2019, 10:58 PM IST

प्रयागराज: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में हो रहा है. आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम का महाकुंभ न सिर्फ भारतीय श्रद्धालुओं के लिए महापर्व की तरह होता है. बल्कि विदेशी सैलानी और साधुओं के लिए अनूठे नजारे से कम नहीं है. विदेशों में महाकुंभ का आयोजन कौतूहल का केंद्र बना हुआ है.

अक्षयवट दर्शन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु

कुंभ मेले में 180 देश के लोग आ रहे हैं. कई विदेशी सैलानी अपने गुरुओं के साथ पधारे हैं, तो कुछ कुंभ की संस्कृति को समझने के लिए पहुंचे हैं. कुंभ की दिव्यता और भव्यता देखने के लिए मेले के आगाज होते ही देश के अलग-अलग कोने से श्रद्धालु संगमनगरी पहुंचे. कुंभ मेला समाप्त होने के लिए मात्र ही चार दिन हीबचे हैं. तीसरे शाही स्नान के बाद संतों का पंडाल उखड़ गया, लेकिन श्रद्धालुओं का आगमन लगातार बना हुआ है.

संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु किलेके अंदर अक्षयवट वृक्ष का दर्शन करने के लिए सुबह से ही लाइन लगाएखड़े नजर आ रहे हैं. मेलेमें हर दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संगमनगरी पहुंच रहे हैं. चार मार्च को महाशिवरात्रि स्नान के बाद ही मेला समाप्त हो जाएगा.

अक्षयवट दर्शन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु

सभी श्रद्धालु किले के अंदर अक्षयवट वृक्ष का दर्शन कर रहे हैं. श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए मेला प्रशासन ने बल्लियों की बेरीकेटिंग बनाया हुआ है. इन्हीं रास्तों से होते हुए श्रद्धालु किले में प्रवेश कर अक्षयवट का दर्शन कर पुण्य कमा रहे हैं. कई प्रान्तों से आए स्नानार्थी दर्शन करने के लिए लाइन लगाकर आगे बढ़ रहे हैं.

फरीदाबाद से आये श्रद्धालु राघव राम चौधरी बताते हैं कि संगम स्नान करने के बाद अक्षयवट का दर्शन करने के लिए लाइन लगाकर खड़े हुए हैं. लोगों से सुना है कि संगम के किनारे बसे किले के अंदर भगवान की पुराने मूर्ति के साथ ही एक वृक्ष है, जिसके दर्शन करने से जीवन के कष्ट हर जाते हैं. इसलिए संगम स्नान करने के बाद दर्शन करने के लिए किला जा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details